फिल्मी दुनिया में मध्यप्रदेश के बालाघाट का नाम चर्चा में है। यहां फिल्माई गई एक्ट्रेस विद्या बालन अभिनीत फिल्म ‘शेरनी’ OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो चुकी है। अक्टूबर-नवंबर 2020 में बालाघाट के घने जंगलों, रेंजर्स कॉलेज, मलाजखंड कॉपर माइंस जैसी लोकेशन पर फिल्म की 80% शूटिंग हुई है। फिल्म राजनीतिक दबाव के चलते दुर्लभ वन्यप्राणियों की किस तरह षड्यंत्र रचकर जान ली जाती है, उस हकीकत को बयां करती है।
फिल्म में अभिनेत्री विद्या बालन वन अधिकारी के किरदार में हैं। फिल्म में बालाघाट के कलाकारों ने भी अभिनय किया है। बालाघाट में शूटिंग से जुड़े रोचक किस्सों के साथ यहां बिताए दो महीने के अनुभवों को पहली बार विद्या बालन ने अपने विचार साझा किये है।
बालाघाट का नाम पहली बार कब और कहां सुना था?
सच कहूं, तो बालाघाट का नाम काफी कम बार सुना था। लेकिन यहां आने के बाद पता चला कि यह कुदरत के बीचोबीच एक स्वर्ग की तरह है। दो महीनों तक शूटिंग के दौरान लगता था कि मैं शहरों से दूर कहीं और हूं। यहां की खूबसूरती ने दिल जीत लिया।
शूटिंग के दौरान जंगलों में डर नहीं लगा?
ऐसा बिल्कुल भी महसूस नहीं हुआ। मध्यप्रदेश टूरिज्म और वन विभाग ने शूटिंग को लेकर काफी मदद की। जिन इलाकों में खतरा था या रहता है वहां शूटिंग नहीं की गई, इसलिए ऐसा कोई वाक्या नहीं हुआ।
अगली कोई फिल्म बालाघाट में शूट करना चाहेंगी?
मौका मिला तो जरूरी उस फिल्म का हिस्सा बनूंगी। लेकिन पहली बार बालाघाट को करीब से देखा, बेहद खूबसूरत जगह है। फिल्म के सिलसिले में नहीं आ सकी तो कभी न कभी यहां घूमने जरूर आऊंगी।
बालाघाट के अनुभवों पर कोई किताब लिखने की तैयारी है?
मैं उन लोगों में से हूं जो महसूस करते हैं। लेकिन व्यक्त नहीं कर सकते। किताब लिखने की फिलहाल प्लानिंग नहीं है। लेकिन ये जरूर कह सकती हूं कि यहां के बारे में बड़े शहरों के लोग जानना चाहेंगे।