भोपाल। राजधानी में भाजपा कार्यालय तोड़े जाने को लेकर अब बीजेपी में ही विरोध के स्वर उठते नजर आ रहे हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने इस मामले में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है। अपने लिखे पत्र में वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने बीजेपी कार्यालय परिसर तोड़ने को बेहद गलत ठहराते हुए इस विचार को दूषित करार दिया है। वही अब MP Politics में कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने बीजेपी से कड़े सवाल किए हैं।
वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने बीजेपी कार्यालय तोड़ने को लेकर पूरे शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि जिस तरह युद्ध में कुशल महारथी के प्रशिक्षित हाथी पगला जाने के बाद अपनी ही सेना का विध्वंस करता है। उसी तरह बीजेपी कार्यालय तोड़ना अपनी ही सेना को कुचलने जैसा है। इतना ही नहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से करी सवाल करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने कहा कि इस मामले में किसी भी वरिष्ठ की राय नहीं ली गई है।
रघुनंदन शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि सुमित्रा महाजन, विक्रम वर्मा, हेमंत कोठारी, मेघराज जैन, भंवर सिंह, माखन सिंह चौहान जैसे वरिष्ठ नेताओं से भी कार्यालय तोड़ने पर कोई राय और विचार-विमर्श नहीं किया गया है। क्या अब पार्टी के वरिष्ठ लोग पदाधिकारी नहीं है? यह क्या इन सब को मिलाकर अब संगठन नहीं कहलाएगा।
भाजपा कार्यालय यानी दीनदयाल उपाध्याय परिसर को तोड़ने के खिलाफ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे अपने पत्र में वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह काम निष्ठावान कार्यकर्ता के हृदय पर पत्थर मारने जैसा है और यह काम कोई कठोर हृदय वाला व्यक्ति ही कर सकता है। इतना ही नहीं शर्मा ने कार्यालय तोड़ने को प्रक्रिया को सीधे उस निर्णय से जोड़ दिया है, जब दिल्ली शासक द्वारा देश की राजधानी दिल्ली से दौलताबाद बनाने का निर्णय लिया गया था।
वहीं वरिष्ठ बीजेपी नेता रघुनंदन शर्मा ने अपने लिखे पत्र में पूछा है कि आतंकवाद और अपराधी के भवनों पर बुलडोजर चल रहे हैं। ऐसे में भाजपा कार्यालय इनमें से किस श्रेणी में आता है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता के इस सवाल पर अब कांग्रेस ने उनके इस बयान को आड़े हाथ ले लिया है।
मामले में केके मिश्रा ने बड़े सवाल पूछते हुए कहा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा भोपाल में पार्टी दफ्तर तोड़ने के खिलाफ हैं और अपनी आवाज मुखर किए हुए हैं। उनका कहना है कि दफ्तर तोड़ना ऐसा है, जैसे किसी पागल हाथी का अपनी ही सेना को कुचलना है। इसके साथ ही केके मिश्रा ने बड़े सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जहां दुष्कर्म होता है वहां बिल्डिंग टूटती है। ऐसे में दुष्कर्म हुआ है या नहीं, इस सवाल का जवाब बीजेपी को देना चाहिए।