भोपाल : मध्य प्रदेश में NIA द्वारा PFI के ठिकानों पर छापेमारी और गिरफ्तारी के बाद आरोपियों से पूछताछ में कई खुलासे हो रहे हैं। एनआईए के अनुसार मध्य प्रदेश आतंकियों के निशाने पर था। साथ ही एमपी आतंकी संगठनों का सॉफ्ट टारगेट बन गया था। यहां सिमी, जेएमबी, सूफा, आईएस समेत कई आतंकी संगठन सक्रिय हो रहें हैं।
दरअसल प्रदेश में पीएफआई के देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के पक्के सबूत के बाद इंदौर और उज्जैन में रेड की कार्रवाई की गई थी। कार्रवाई में संगठन के मुखिया समेत चार लोग गिरफ्तार किए गए हैं। सूत्रों की माने तो प्रदेश में पीएफआई के 6 हजार सदस्य सक्रिय है। और इंदौर, उज्जैन समेत मालवा में 2500 सदस्य एक्टिव है।
जानकारी के अनुसार पीएफआई का गरीब लोगों और आदिवासी पर फोकस था। मॉर्निंग वॉक ग्रुप बनाकर युवाओं का ब्रेनवाश करते थे। साथ ही कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार कर युवाओं को देश के खिलाफ बरगलाने का काम कर रहे थे। इंदौर और उज्जैन से गिरफ्तार चार पीएफआई से पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि इंदौर और उज्जैन में एनआईए ने छापेमारी कर टेरर फंडिंग मामले में PFI के 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया। जिन्हें शुक्रवार को चिकित्सकीय परीक्षण कर कोर्ट में पेश किया गया। जिसके बाद विशेष अदालत से एनआईए को आरोपियों की 7 दिन की रिमांड मिली है। मतलब अब 30 सितंबर तक चारों आरोपियों को रिमांड पर ले लिया गया है।
इससे पहले ATS की अबतक की पूछताछ में PFI सदस्यों ने कई खुलासे किए हैं। PFI के सदस्य देश विरोधी गतिविधियों के लिए युवाओं को उकसा रहे थे। ये सभी प्रदेश में स्लीपर सेल तैयार करे थे। और आपत्तिजनक साहित्य बांटने और देश विरोधी गतिविधियों को लोगों को भड़का रहे थे।
चारों आरोपियों पर UAPA एक्ट लगाया गया है। आईपीसी 21ए, 153ए, 120बी 13(1बी), 18 यूएपीए एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई देश भर के 15 राज्य में PFI के 93 ठिकाने पर की गई थी, जहां 106 PFI से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।