भोपाल। आखिरकार जनता और विपक्ष के विरोध को देखते हुए चित्रकूट स्थित सिद्धा पहाड़ के खनन की योजना को रोक दिया गया है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी , उन्होंने ट्वीट किया कि “सिद्धा पहाड़, सतना जैसे अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर स्थान जो हमारे आस्था और श्रद्धा के केंद्र हैं, यहां की पवित्रता को अक्षुण्य रखा जाएगा । यहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा। सतना जिला प्रशासन को निर्देश दे दिए गए है”। गौरतलब है चित्रकूट स्थित सिद्धा पहाड़ में राज्य सरकार के खनन की योजना सामने आते ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मुद्दे पर सरकार को सदन से लेकर सड़क तक घेरने की चेतावनी दे दी थी वही भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठ गए थे।
चित्रकूट स्थित सिद्धा पहाड़ का रामचरित्र मानस में उल्लेख है। बताया जाता है कि भगवान राम को अस्थियों का पहाड़ मिला। भगवान राम को मुनियों ने बताया कि राक्षस कई मुनियों को खा गई। उनकी ये अस्थियां हैं, जिससे सिद्धा पहाड़ बना। भगवान राम ने इसी पहाड़ को देखकर पृथ्वी से राक्षसों को विहिन करने का प्रण लिया था।
वही जैसे ही सरकार के इस फैसले की लोगों को खबर लगी तो स्थानीय लोगों के साथ ही जनप्रतिनिधियों में भी आक्रोश शुरू हो गया था। इस मामले में चित्रकूट से कांग्रेस विधायक नीलांश चतुर्वेदी और मैहर से बीजेपी के विधायक नारायण त्रिपाठी ने मोर्चा खोलते हुए प्रदेश के साधु संतों से विरोध प्रदर्शन की अपील कर दी थी। वही इस मामले में उन्होंने रोक लगाने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है। साथ ही त्रिपाठी ने कहा कि वे इस धार्मिक महत्व के पहाड़ को किसी भी कीमत पर खोदने नहीं देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस मामलें में सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि भगवान राम के नाम का राजनीति के लिए उपयोग करने वाली भाजपा सरकार अब उनके अवशेषों को सुनियोजित तरीके से नष्ट करने का काम कर रही है। कांग्रेस इस पर चुप नहीं बैठेगी।
वही बताया जा रहा है कि विधायक नारायण त्रिपाठी ने इस खनन मामलें को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को चिट्ठी लिख दी थी और आज भोपाल में विधायक त्रिपाठी एक बड़ी पत्रकार वार्ता भी करने वाले थे लेकिन उससे पहले ही मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर खनन न होने के निर्देश दे दिए थे। फिलहाल माना जा रहा है कि भाजपा विधायक नारायण की धमकी के बाद सीएम ने यह फैसला किया है।
विधायक नारायण त्रिपाठी का प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र
प्रति,
माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी,
प्रधानमंत्री,
भारत सरकार, नईदिल्ली।
विषय: मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्थित रामायणकालीन सिद्धा पहाड़ को सुरक्षित रखने व भगवान राम की त्रेतायुगीन स्मृतियों को संरक्षित करने हेतु वर्तमान में जारी खनन अनुमति प्रक्रिया को रोकने व इस स्थान को खनन मुक्त क्षेत्र घोषित करने और चित्रकूट क्षेत्र का विकास अयोध्या की तर्ज पर किये जाने विषयक।
सम्माननीय महोदय,
निवेदन है कि मध्यप्रदेश के सतना जिले में चित्रकूट के समीप राम वनगमन पथ पर स्थित सिद्धा पहाड़ में खनन अनुमति देने की प्रक्रिया जारी है। हिन्दुआस्था के केंद्र इस पहाड़ पर बाक्साइट, लेटराइट, ओकर आदि के खनन हेतु अनुज्ञा देने की कार्यवाही की जा रही है। पूर्व में भी इसी तरह के प्रयास किये गये थे, लेकिन तब स्थानीय विरोध के चलते कार्यवाही रुक गई थी, अब पर्यावरणीय स्वीकृति के नाम पर फिर कार्यवाही शुरू की गई है।
माननीय एक तरफ हमारी सरकार द्वारा भगवान राम की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाये रखने हेतु राम वनगमन पथ जैसी योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, अयोध्या में भव्य राममंदिर के साथ ही इसका पूर्णरूपेण विकास कर इसे भव्य तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर चित्रकूट क्षेत्र में भगवान राम से जुड़ी स्मृतियों को नष्ट करने का कार्य किया जा रहा है। देशभर के लोगों की गहरी आस्था भगवान राम से जुड़े चित्रकूट स्थित विभिन्न स्थलों में है जिसमें सिद्धा पहाड़ प्रमुख है, इसी पहाड़ पर खनन हेतु अनुमति दी जा रही है। भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में अवश्य हुआ था किन्तु वनवास काल में उनकी अधिकांश लीलायें चित्रकूट में संपन्न हुईं जहां दशरथपुत्र राम मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम बने। रामचरित मानस के अरण्यकांड में उल्लेख है कि भगवान राम जब चित्रकूट से आगे की ओर बढ़े तो सिद्धा पहाड़ मिला यह पहाड़ अस्थियों से बना था तब राम को ऋषि-मुनियों ने बताया कि यहां राक्षस कई साधु संतो व ऋषि मुनियों को खा गए हैं और यह अस्थियां उन्हीं मुनियों की हैं तो भगवान राम ने इसी स्थान पर राक्षसों के विनाश की प्रतिज्ञा ली थी। बाल्मीकि रामायण में भी इस पहाड़ का उल्लेख है। अब यह सर्वसिद्ध है कि सिद्धा पहाड़ भगवान श्रीराम की स्मृतियों से जुड़ा जनआस्था का विषय है, ऐसे स्थलों के बेहतर संरक्षण व संवर्धन के बजाय इसको खोदने व नष्ट करने की किसी प्रकार की अनुमति हिन्दुआस्था पर गहरी चोट कहलायेगी जिसे क्षेत्रीय जनमानस व हमारे साधु संत कतई बर्दास्त नहीं करेंगे। यदि हमने ऐसा होने दिया तो हमारी आने वाले पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी। आप पर इस देश के सनातनियों का गहरा विश्वास है, आप ऐतिहासिक निर्णय लेने के लिये जाने जाते हैं। संपूर्ण विन्ध्य व चित्रकूट क्षेत्र के धार्मिक स्थलों में आस्था रखने वाले धर्मावलंबियों व साधुसंतों का विश्वास है कि आप भगवान राम के पदचिन्हों व स्मृतिस्थलों को खनन माफिया से बचाने अवष्य हस्तक्षेप करेंगे व चित्रकूट में 11 वर्ष के वनवास काल की भगवान राम की स्मृतियों वाले स्थलों के विकास की बागडोर अपने हाथ में लेकर अयोध्या जैसा दिव्य व भव्य बनाने की योजना पर कार्य अवश्य करेंगे।
हाल ही में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने चित्रकूट के इसी इलाके में अभयारण्य की घोषणा की है, पन्ना नेशनल टाईगर रिजर्व भी उल्लेखित क्षेत्र के समीप है, इस क्षेत्र में खनन गतिविधियों को लेकर साधु संतों व धर्मप्रेमियों की गहरी नाराजगी है। अतः सिद्धा पहाड़ में खनन अनुमति देने की प्रचलित कार्यवाही रोकने व भगवान श्रीराम से जुड़े स्थलों के समीप के क्षेत्र को खनन मुक्त क्षेत्र घोषित करने के निर्देश संबंधितों को देने की महान कृपा करें।
सादर,
आपका
( नारायण त्रिपाठी )
विधायक मैहर