मध्य प्रदेश : ग्वालियर की मेयर शोभा सिकरवार ने लौटा दी सरकारी कार, दावा- नगर निगम की माली हालत खराब…

ग्वालियर : आजादी के 57 साल बाद ग्वालियर महापौर (मेयर) की सीट पर कब्जा जमाने वाली कांग्रेस की महापौर डॉक्टर शोभा सिकरवार ने एक अनोखा फैसला लेते हुए सत्ता के गलियारों में हलचल मचा दी है। डॉ. शोभा सिकरवार ने नगर निगम की ओर से दी गई कार को नगर निगम को ही वापस कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय नगर निगम की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए लिया है।

मेयर डॉ. शोभा ने लौटाई नगर निगम की गाड़ी

नगर निगम ग्वालियर सदैव से ही शहर में चर्चाओं का विषय रहा है। कभी यहां अधिकारी, कर्मचारी अखबारों की सुर्खियां बनते हैं तो कभी सत्ता विरोध की लहर भी यही से उठती है। ऐसा ही कुछ गुरुवार की शाम को देखने को मिला, जब डॉ शोभा सिकरवार जो कि वर्तमान में महापौर के पद पर आसीन है। नगर निगम की ओर से उन्हें सरकारी कामकाज के लिए गाड़ी दी गई थी। डॉ. शोभा ने नगर निगम की गाड़ी को वापस नगर निगम को ही सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि अब वे नगर निगम की डीजल गाड़ी से नहीं चलेंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने जो निर्णय लिया है। आशा करती हूं, कि आप सब भी उसमें सहयोग प्रदान करेंगे।

कर्मचारियों को नहीं मिल पा रही सैलरी: डॉ. शोभा

इस दौरान उन्होंने कहा कि नगर निगम की आर्थिक स्थिति वाकई गंभीर है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि यही कारण है कि नगर निगम में कार्य करने वाले कर्मचारी को उनका वेतन भी नहीं मिल पा रहा है। इसलिए मैं सभी अधिकारियों से भी पूर्ण सहयोग की अपील करूंगी।

विपक्ष में रहने का छलका दर्द

नगर निगम महापौर ने भले ही नगर निगम की आर्थिक स्थिति खराब होने को देखते हुए नगर निगम से गाड़ी से चलने का निर्णय लिया हो, लेकिन कहीं ना कहीं उनकी बातों में ग्वालियर की निगम सत्ता में रहने के बावजूद विपक्ष जैसी भूमिका में रहने का दर्द छलक गया। पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन से किसी भी तरह की मदद नहीं मिल रही है। ना ही कहीं से किसी प्रकार की वित्तीय सहायता आ रही है। उन्होंने कहा कि निगम भी ध्यान देगी कि फिजूल खर्ची ना हो, जिससे निगम में काम करने वाले कर्मचारियों को उनके कार्य का भुगतान तो हो सके। वहीं इस दौरान नगर निगम कमिश्नर से भी इस विषय में चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस विषय में अभी कोई जानकारी नहीं है।

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