मध्यप्रदेश में साहित्य सृजन की परंपरा प्राचीन काल से ही रही है प्राचीन काल में साहित्य सृजन की मुख्य भाषा संस्कृति संस्कृत के महान साहित्यकार कवि वाल्मीकि महाकवि कालिदास बाणभट्ट और भ्रतहरि मध्य प्रदेश के ही निवासी थे। राज्य के लोगों द्वारा संपर्क भाषा के तौर पर मुख्यता हिंदी का प्रयोग किया जाता है तब मध्य काल एवं आधुनिक काल में हिंदी का विकास हुआ और राज्य में सर साहित्य अधिकतर हिंदी और उसकी बोलियों में लिखा जाने लगा।
प्राचीन काल के साहित्यकार :-कालिदास,भर्तृहरी, भवभूति,बाणभट्ट प्राचीन साहित्यकार हैं।
मध्यकालीन साहित्यकार :– केशवदास, पद्माकर,भूषण,जगनिक घाघ आदि प्रमुख मध्यकालीन साहित्यकार हैं।
आधुनिक साहित्यकार :– पंडित माखनलाल चतुर्वेदी, सुभद्रा कुमारी चौहान, गजानन माधव मुक्तिबोध, बालकृष्ण शर्मा नवीन, भवानी प्रसाद मिश्र,हरिशंकर परसाई, शरद जोशी, मुल्ला रामोजी, डॉक्टर शिवमंगल सिंह सुमन,नंददुलारे वाजपेई आदि प्रमुख आधुनिक साहित्यकार हैं।
लोक साहित्यकार :- सिंगाजी,ईसुरी।