मध्य प्रदेश सरकार पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है। अब वित्त विभाग ने 2 हजार करोड़ रुपए का नया कर्ज लेने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। सरकार यह कर्ज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 20 साल तक के लिए लेगी। साल 2021-22 में अब तक 18 हजार करोड़ का कर्ज एमपी सरकार ले चुकी है। जिससे प्रदेश पर कुल कर्ज बढ़कर ढाई लाख करोड़ के पार जा पहुंचा है।
जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार पर अब तक 2 लाख 53 हजार 335 करोड़ का कर्ज हो चुका है। इसमें एक लाख 54 हजार करोड़ का कर्ज खुले बाजार का है। शेष कर्ज में सरकार को पावर बांड सहित अन्य बांड का कंपनशेशन का 7360 करोड़, वित्तीय संस्थाओं की देनदारी 10,901 करोड़, केन्द्र सरकार के ऋण एवं अग्रिम के 31 हजार 40 करोड़ सहित अन्य दायित्व 20 हजार 220 करोड़ रुपए शामिल है।
खास बात ये है कि प्रदेश सरकार का कुल वार्षिक बजट भी इतना नहीं है। यानी राज्य के कुल बजट से ज्यादा सरकार ने कर्ज ले रखा है। मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2020-21 में 2.41 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। वित्त वर्ष 2019-20 में राज्य सरकार ने 23,430 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। भारी-भरकम कर्ज के चलते राज्य सरकार को हर साल बड़ी रकम ब्याज के तौर पर चुकानी पड़ रही है।
कर्ज के बढ़ते बोझ के बीच अब राज्य सरकार ने राजस्व वसूली को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रखा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी कलेक्टरों से जिला स्तर पर रेवेन्यू बढ़ाने का आइडिया मांगा है। प्रदेश के सभी कलेक्टरों को 10 मार्च तक जवाब देने को कहा गया है। इसके बाद 12 मार्च को सीएम शिवराज सभी अफसरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करेंगे।