भोपाल : चार साल तक उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग की कथित घटनाओं के मामले में मध्य प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है। ऐंटी रैगिंग हेल्पलाइन कॉन्टैक्स सेंटर द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है।
जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 2017 से 2020 तक कुल मिलाकर रैगिंग की कुल 359 घटनाओं की सूचना दी गई। इस दौरान उत्तर प्रदेश से 510 मामले सामने आए। साल 2020 में भी जब उच्च शिक्षण संस्थान कोविड-19 की वजह से रहे, तो कुछ महीनों के दौरान रैगिंग के 23 मामले सामने आए। साल 2020 में देश में मार्च के अंतिम सप्ताह में लॉकडाउन लगा दिया गया था, जिसके बाद सभी तरह की ऑफलाइन क्लासेज को भी बंद कर दिया गया था।
लगातार बढ़ते रहे रैगिंग के मामले
मध्य प्रदेश में रैगिंग की घटनाओं ने 2017 में अचानक बढ़ोतरी देखी गई, जब ये 2016 के मुकाबले लगभग दोगुनी हो गईं। 2016 में रैगिंग के कुल 55 मामले सामने आए थे, वहीं 2017 में ये 100 तक पहुंच गए। जानकारी के मुताबिक, 2019 तक मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षण संस्थानों में हर साल 100 से अधिक रैगिंग की शिकायतें दर्ज की गईं। उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त दीपक सिंह ने कहा, ‘इस तरह की शिकायतों को लेकर विभाग के द्वारा हर उच्च शिक्षण संस्थान और विश्वविद्यालय में एक एंटी रैगिंग कमेटी है। छात्र सीधे यहां शिकायत कर सकते हैं या मेल और फोन के माध्यम से भी इस कमेटी से संपर्क कर सकते हैं। सिंह ने कहा कि शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाती है।’