भोपाल : नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ‘विश्व आदिवासी दिवस’ पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि इस धरती पर जब भी जल, जंगल और जमीन का जिक्र होगा, कोई भी आदिवासियों के समर्पण को भुला नहीं सकेगा। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व उप मुख्यमंत्री और अपनी बुआ जमुना देवी को याद किया और कहा कि उन्होंने हमेशा उनसे गरीब बेसहारा लोगों के लिए न्याय की आवाज़ उठाते रहना सीखा है।
‘आज का दिन संघर्षशील आदिवासियों को समर्पित’
उमंग सिंघार ने कहा कि आदिवासी समाज पूरी दुनिया में अलग-अलग पहचान लिए है। हर रूप में वो जमीन से जुड़ा है और हमेशा जुड़ा रहेगा। उन्होंने आदिवासी समाज से आह्वान किया कि वो अपनी इस पहचान और एकजुटता को बनाए रखें। विश्व आदिवासी दिवस पर उन्होंने कहा कि आज का दिन संघर्षशील आदिवासियों को समर्पित है और वो विश्वभर के आदिवासी समाज के हर सदस्य को बधाई और शुभकामनाएँ देते हैं। सिंघार ने कहा कि ‘मैं पूरे आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए अपनी तरफ से जितना ज्यादा संभव होता है, कोशिश करता हूं और हमेशा करता रहूंगा। नई पीढ़ी के आदिवासी युवकों को शिक्षा और रोजगार दिलाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है और हमारी कोशिश है कि हम उन्हें ये दिलाकर रहेंगे।’
बुआ जमुना देवी को किया याद
आज के दिन उन्होंने अपनी बुआ और मध्य प्रदेश की पूर्व उप मुख्यमंत्री जमुना देवी को याद किया। उमंग सिंघार ने कहा कि ‘मैंने हमेशा अपनी बुआ से अन्याय के ख़िलाफ़ लड़ना सीखा है। कैसे ग़रीबों और आदिवासियों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ी जाती है ये उन्होंने सिखाया है। मैं उसी पथ पर चल रहा हूँ, आगे भी चलूँगा और हमेशा समाज की भलाई के लिए काम करता रहूँगा। किसान हो या अन्य समाज के लोग हैं..मैं हमेशा उनके लिए खड़ा रहूँगा।’ उन्होंने कहा कि आदिवासियों की सृष्टि को बचाने में अहम भूमिका रही है और उन्हें जल जंगल ज़मीन का हक़ मिलना चाहिए और वो हमेशा इस हक़ के लिए लड़ते रहेंगे।