नई दिल्ली: दिल्ली के खानपुर का रहने वाला अनिल चौहान(52) 1990 तक ऑटो ड्राइवर था। गाड़ी चोरी के धंधे में आया तो खूब दौलत कमा ली। दिल्ली छोड़ असम में बस गया। लग्जरी गाड़ियों की नॉर्थ ईस्ट में खरीद-फरोख्त करने से लेकर ये असम की राजनीति में दखल रखने लगा। ये असम में सरकारी ठेकेदार तक बन गया। इसकी कार को सीधे असम विधानसभा में एंट्री मिलती थी, क्योंकि तत्कालीन विधायक रुमी नाथ ने इसके लिए पास बनवा रखा था। असम पुलिस ने 2015 में विधायक को भी इसके साथ अरेस्ट किया था। 2015 में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) की इस पर नजर पड़ी, तो इसकी सारी प्रॉपर्टी नीलाम हो गई। यह अर्श से फर्श पर आ गया।
मारुति 800 की चोरी से उतरा धंधे में
पुलिस अफसरों ने बताया कि मारूति 800 कार से अनिल ने चोरी के धंधे का आगाज किया। इसके बाद यह देखते ही देखते बीएमडब्ल्यू तक में हाथ साफ करने लगा। दिल्ली-एनसीआर से गाड़ियां चोरी कर नेपाल, नॉर्थ ईस्ट के राज्यों और जम्मू-कश्मीर में ठिकाने लगाता था। यह अब तक 5000 से ज्यादा गाड़ियां चोरी कर चुका है। इस पर देश के 9 राज्यों में 180 मुकदमे दर्ज हैं। इसलिए इसे देश का सबसे बड़ा कार चोर करार दिया गया। पेशेवर तरीके से कार चोरी कर उन्हें ठिकाने लगाने वाला यह दिल्ली का पहला शातिर बदमाश है। इसे सभी कार चोर अपना गुरु मानते हैं। इसने खुद का गैंग भी बना लिया।
2005 में चला गया था असम
गैंग कार चोरी कर नोएडा और गाजियाबाद के पार्किंग में खड़ी करता था। ये लोग कारों के फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे और उन्हें मोटी रकम लेकर बेचते थे। अनिल लद्दाख तक से गाड़ी चोरी कर चुका है। दिल्ली पुलिस ने उस पर शिकंजा कसा तो वह 2005 में असम चला गया। अवैध हथियार और गैंडे के सींग की तस्करी भी करने लगा। बेहिसाब पैसा कमाया तो असम में फार्म हाउस और कोठी बना ली। एक राजनीतिक पार्टी की कार्यकर्ता से शादी कर ली। इसके जरिए वह वहां की राजनीति में भी दखल देने लगा। इसके बाद क्लास-1 सरकारी ठेकेदार भी बन गया।
कई केसों में है भगोड़ा घोषित
लग्जरी गाड़ियों में घूमना, ब्रैंडेड कपड़े और घड़ियां पहनना इसका शौक रहा। इसका दबदबा बढ़ने लगा तो 2015 में यह ईडी की निगाह में आ गया। यहीं से इसकी जिंदगी अर्श से फर्श की तरफ आ गई। मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ और इसकी सारी प्रॉपर्टी जब्त कर ली गई। बैंकों के जरिए इन्हें नीलाम कर दिया गया। इसने अदालतों में पेश होना छोड़ दिया, तो इसे कई केसों में भगोड़ा घोषित कर दिया गया। ये असम से हवाई जहाज से दिल्ली आता था और यहां से चोरी की गाड़ी लेकर जाता था। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए कई बार पुलिस पर भी फायरिंग कर चुका है।
आरोपी की 3 पत्नियां और 7 बच्चे
पुलिस ने इससे चोरी की बाइक, एक पिस्टल और दो कारतूस बरामद किए हैं। रिमांड के बाद इसकी निशानदेही पर 5 तमंचे और चोरी की एक कार भी बरामद कर ली। दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन के एक मामले में आरोपी को 5 साल की सजा भी हुई थी। करीब 7 साल से आरोपी फरार था। इसकी 3 पत्नियां और 7 बच्चे हैं, जिनमें से दो असम में और एक दिल्ली में हैं। फिलहाल इन सभी ने इससे दूरी बना ली है।
देशबंधु गुप्ता रोड इलाके से दबोचा
डीसीपी (सेंट्रल) श्वेता चौहान ने बताया कि 23 अगस्त को स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर संदीप गोदारा की अगुआई में बनी एसआई मुकेश तोमर, एएसआई योगेंद्र, आदेश, कंवरपाल, सुरेंद्र, एचसी दिलशाद, संदीप, पंकज, अमित की टीम ने अनिल को गिरफ्तार किया। इससे 14 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई और असम भी ले जाया गया। पुलिस पूछताछ में इससे मिली जानकारी को वेरीफाई कर रही है। फिलहाल यह दावा कर रहा है कि 2015 में ईडी की कार्रवाई के बाद इसका सब कुछ खत्म हो चुका है।