इंदौर। जिस दिन का सबको बेसब्री से इंतजार था, वह दिन आखिरकार आ ही गया। आज महाकाल लोक का लोकार्पण है। यह लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह मोदी के हाथों से किया जाएगा। महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए करीब सवा महीने से महाकाल गीत को बनाया जा रहा था जो अब जाकर तैयार हो गया है। बताया जा रहा है कि इस गीत को बनाने के लिए कई कलाकार जुटे रहे। खास बात ये है कि आज महाकाल लोक के लोकार्पण में इसकी की गूंज सुनाई देने वाली है।
आपको बता दें, महाकाल गीत में 108 कलाकारों ने संगीत दिया है। वहीं 21 ब्राह्मणों ने भी इसमें अपनी आवाज दी है। इस गीत को बनाने में सवा महीना लग गया है। जानकारी के मुताबिक महाकाल लोक के लिए बनाया गया गीत ‘भारत मध्ये स्वयंभू ज्योतिर्लिंग यजामहे, है परब्रह्म शिव शंभू दयामहे’ केवल स्तुति गान ही नहीं, बल्कि यह गीत धार्मिक मान्यताओं के काफी ज्यादा करीब है। इस गीत में 108 संगीतकारों ने अपनी कला का हुनर दिखाते हुए संगीत दिया है। वहीं 21 वादकों ने इसमें बीन बजाई है। इसके अलावा मंत्रोचार का गान इक्कीस ब्राह्मणों द्वारा किया गया है।
महाकाल गीत को लेकर गायक पद्मश्री कैलाश खेर ने सोमवार के दिन इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मेरा मानना है कि जब स्वयं को इमानदारी से ईश्वर को समर्पित कर देते हैं तो फिर वही होता है जिसके लिए आपका जन्म हुआ है। उन्होंने इसके अलावा अपने जीवन के और गीत से जुड़े कई मुद्दों पर अपने विचार दिए। वहीं कई पत्रकारों ने उनसे बातचीत की।
उन्होंने इंदौर को लेकर यह कहा कि यह एक ऐसा शहर है जिस पर फिल्मों का भी प्रभाव है तो इल्मों का भी। उन्होंने कहा कि अभी भारत जाग रहा है। यह सबसे बड़ी बात है और सबसे बड़ा बदलाव है। इसे जगाने का जो कार्य नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया है वह पहले किसी ने नहीं किया है। मैं उन्हें अवधूत अवतारी मानता हूं। खास बात यह है कि पीएम मोदी ने मंदिरों के जीर्णोद्धार पर ध्यान दिया है। सिर्फ मंदिर ही नहीं बहार फूल व पूजन सामग्री बेचने वालों तक पर ध्यान दिया है।