महाशिवरात्रि पर्व : उज्जैन में होंगे 21 लाख दीप प्रज्जवलित, महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था…

उज्जैन : मध्य प्रदेश में महाशिवरात्रि पर्व पर उज्जैन में 21 लाख दीप प्रज्जवलित किए जाए। ये जानकारी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दी। उन्होने बताया कि श्रद्धालुओं द्वारा ये दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे। इसी के साथ महाकाल महालोक में विशेष पूजा अर्चना होगी। इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है और दर्शन के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था

सीएम शिवराज ने कहा ‘मध्यप्रदेश में महाशिवरात्री का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ बहुत धूमधाम से मनाया जायेगा। महाशिवरात्रि पर उज्जैन में श्रद्धालुओं के द्वारा 21 लाख दीप प्रज्ज्वलित किये जायेंगे। श्री महाकाल महालोक अलौकिक है और यहां प्रतिदिन लगभग 2 लाख लोग अपनी श्रद्धा का प्रकटीकरण करते हैं।’ इस बार 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा और ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए विशेष रूप से व्यवस्था की गई है। संभावना है कि दूर दूर से इस दिन यहां भक्तों का जमावड़ा लगेगा और इसे देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने दर्शन के लिए सिंहस्थ महापर्व जैसे इंतजाम किए हैं। चार गेट से भक्तों को 12 कतारों के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। बाहर निकलने के लिए तीन द्वार होंगे। भक्तों के लिए सुबह 4 बजे से ही बाबा महाकाल के द्वार खुल जाएंगे। श्रद्धालु भस्म आरती के दर्शन भी कर सकेंगे।  भस्मारती में लिए आने वाले भक्तों को कार्तिकेय मंडपम से प्रवेश मिलेगा। इस दौरान यहां चलित दर्शन होंगे। मंदिर प्रशासन का कहना है कि उन्होने जिस तरह की व्यवस्था की है उससे 50 मिनट में ही भक्त महाकाल के दर्शन कर लेंगे।

प्रशासन मुस्तैद

इस दिन के लिए प्रशासन ने भी खास इंतजाम किए है। सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी पुलिस बल तैनात रहेगा। बाहर से आने वाले वाहनों के लिए शहर से दूर र 14 पार्किंग सब स्टेशन बनाए जा रहे हैं जहां कार व बसें पार्क की जा सकेंगी। पार्किंग से महाकाल मंदिर तक पहुंचे के लिए 100 बसें चलाई जाएंगी जो निशुल्क होंगी और इनके लिए कोई किराया नहीं देना होगा। इन बसों के श्रद्धालुओं को कर्क राज पार्किंग तक लाया जाएगा और यहां शू स्टैंड का इंतजाम भी होगा जहां वे अपने जूते चप्पल रख सकेंगे। इसके बाद वो कतार में लगेंगे और मंदिर की ओर बढ़ेंगे। करीब तीन किलोमीटर का रास्ता तय कर इन्हें दर्शन मिलेंगे। इस पूरे मार्ग पर छांव के लिए शामियाना भी लगा होगा और कारपेट भी बिछा रहेगा ताकि भक्तों को चलने में किसी तरह की दिक्कत न हो।

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