उज्जैन : 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व है और इस दिन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों का हुजूम उमड़ने वाला है। प्रशासन द्वारा लगभग 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई गई है। महाकाल मंदिर समिति की ओर से इस संबंध में सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई है ताकि श्रद्धालुओं को सुगमता के साथ बाबा के दर्शन करवाए जा सके। अगर आप भी महाकाल दर्शन करना चाहते हैं तो यहां पूरा प्लान देख सकते हैं।
उज्जैन में जब से महाकाल लोक का लोकार्पण हुआ है तब से यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो गया है। इसी को देखते हुए महाशिवरात्रि पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। समिति द्वारा लगाए गए अनुमान के मुताबिक इस बार रिकॉर्ड तोड़ भक्त दर्शन के लिए पहुंचने वाले हैं।
ऐसी है महाशिवरात्रि महाकाल दर्शन व्यवस्था
भक्तों के आने की संख्या के अनुमान को देखते हुए मंदिर के पट खुलने के बाद से ही आम श्रद्धालुओं के दर्शन का सिलसिला शुरू कर दिया जाएगा। भक्त चलित भस्म आरती के दर्शन करते हुए तीन अलग-अलग द्वार से मंदिर से बाहर निकलेंगे। हालांकि इस दौरान भक्तों को महाकाल लोक देखने को नहीं मिलेगा। नंदी द्वार से प्रवेश के बाद श्रद्धालु लाइन में लगते हुए मानसरोवर से फैसिलिटी सेंटर पहुंचेंगे और कार्तिकेय तथा गणेश मंडपम से दर्शन करते हुए 4 और 5 नंबर गेट के साथ मुख्य निर्गम द्वार से बाहर हो जाएंगे। इस दिन 250 रुपए देकर दर्शन करने वाली व्यवस्था बंद रहेगी।
मंदिर तक चलेगी निशुल्क बस
महाकालेश्वर मंदिर दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क बसें भी चलाई जाने वाली है। यह बसें श्रद्धालुओं को कार्यक्रम पार्किंग तक पहुंच जाएगी इसके बाद यहां मौजूद जूता चप्पल स्टैंड पर अपने फुटवियर रखने के बाद श्रद्धालु लाइन में लगते हुए चारधाम, त्रिवेणी संग्रहालय, महाकाल लोक होते हुए मानसरोवर गेट से मंदिर में प्रवेश लेंगे। यह रास्ता 3 किलोमीटर का रहेगा जिसमें तीन कतार लगाई जाएगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूरे रास्ते में शामियाने लगाए गए हैं और कारपेट भी बिछाया जाएगा।
अलग अलग होगी कतार
मानसरोवर गेट से श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश देने के बाद वह महाकाल टनल से 6 नंबर गेट परिसर में पहुंचेंगे। यहां से अलग-अलग कतार में भक्तों को कार्तिकेय मंडपम और गणेश मंडपम से दर्शन करवाए जाएंगे। कार्तिकेय मंडपम में प्रवेश द्वार के साथ दो अन्य द्वार भी बनाए गए हैं। इसके चलते सिर्फ यही पर 3 गेट से 9 कतार में भक्तों को एंट्री दी जाने वाली है। नंदी हॉल में भी इसी तरह की व्यवस्था रहेगी जिसके तहत चार गेट से 12 कतारों के जरिए भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा।
अलग रंग के जूता स्टैंड
इस बार जूता चप्पल स्टैंड की व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। चार अलग-अलग जगहों पर बनाए जा रहे जूता स्टैंड को कलर भी अलग दिया जा रहा है और श्रद्धालुओं को टोकन भी उसी रंग का दिया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि दर्शन करने के बाद मंदिर से बाहर निकलने पर श्रद्धालुओं को अपना जूता स्टैंड ढूंढने में परेशानी का सामना ना करना पड़े।
पानी की व्यवस्था
महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए पहुंचने वाले भक्तों को बोतल बंद पानी पिलाया जाने वाला है। इसके लिए समिति की ओर से 200ml पानी की 4 लाख बोतल खरीदी जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ता और कर्मचारियों की ड्यूटी लगा कर लाइन में लगे भक्तों को पेयजल वितरित किया जाएगा।
8 किलोमीटर में बैरिकेडिंग
कर्कराज पार्किंग से लगाकर चारधाम, त्रिवेणी संग्रहालय, महाकाल लोक में 3 लेयर की बैरिकेडिंग की जा रही है जो लगभग 8 किलोमीटर तक फैली रहेगी। साडे 3 किलोमीटर में बैरिकेट्स मंदिर समिति ने बनवाए हैं और जिन जगहों पर बैरिकेडिंग हो गई है वहां पर रास्ते को धुलवाकर कारपेट बिछाए जा रहे हैं।
तैनात रहेगा प्रशासन
महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने का अनुमान है इसे देखते हुए प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। मंदिर और इसके आसपास के क्षेत्रों में 22 जगहों पर डॉक्टर की टीम तैनात की जाने वाली है। त्रिवेणी संग्रहालय और सोम कुंड पर पांच 5 बिस्तरों का अस्थाई अस्पताल भी तैयार किया जाएगा। 100 डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय और पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी 16 फरवरी शाम 5 से 19 फरवरी शाम 5 बजे तक लगाई गई है। यह सभी टीम कर्क राज पार्किंग, चारधाम, हरसिद्धि चौराहा, त्रिवेणी सेंटर, महाकाल अन्न क्षेत्र, मानसरोवर, महाकाल प्लाजा, फैसिलिटी सेंटर, महाकाल मंदिर, गेट नंबर 4, भस्मारती द्वार, सोम कुंड, नृसिंह घाट, समेत अन्य क्षेत्रों में तैनात रहेगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए पुलिस विभाग के 8 एएसपी, 25 डीएसपी और 45 टीआई स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा लगभग 2000 पुलिस कर्मचारियों की फोर्स को तैनात किया जाने वाला है। ट्रैफिक व्यवस्था को शहर के बाहरी मार्गो से सुनिश्चित किए जाने का प्लान बनाया गया है। निर्धारित किए गए स्थानों पर ही वाहन पार्क किए जा सकेंगे। अलग अलग मार्गो से आने वाले वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग व्यवस्था रखी गई है।