नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे अब सख्त रवैया अपनाते नजर आ रहे हैं। उन्होंने प्रतिद्विंदी शशि थरूर से तुलना किए जाने से साफ इनकार कर दिया है। बीते सप्ताह थरूर ने 10 बिंदुओं का घोषणापत्र जारी किया है। जिसमें पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत करने, महासचिवों का इस्तेमाल करने समेत कई बातें शामिल हैं। खड़गे का कहना है कि थरूर अपना घोषणापत्र आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं।
इंडिया टुडे से बातचीत में खड़गे ने अपील की है कि उनकी तुलना थरूर से न की जाए। तिरुवनंतपुरम सांसद के घोषणापत्र में शामिल पार्टी के काम करने के तरीके में सुधार की बात पर उन्होंने कहा, ‘मैं अपने दम पर ब्लॉक अध्यक्ष से इस पद पर आया हूं। क्या उस समय शशि थरूर वहां थे।’ साथ ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव को लेकर रणनीति पर भी चर्चा की।
क्या है खड़गे की प्लानिंग?
वरिष्ठ नेता ने साफ कर दिया है कि उनका एजेंडा उदयपुर घोषणापत्र को लागू करने का है। उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि थरूर अपने मेनिफेस्टो के साथ आगे बढ़ सकते हैं। मई में राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस ने चिंतन शिविर का आयोजन किया था। इस घोषणापत्र में लोगों तक पहुंच, चुनाव प्रबंधन और राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण की बात मुख्य रूप से कही गई थी।
युवा चेहरे पर दिए ये संकेत
खड़गे से जब सवाल पूछा गया कि कांग्रेस को मौजूदा संकट से उबारने के लिए युवा चेहरे की जरूरत है या नहीं। इसपर उन्होंने कहा कि वह संगठन के व्यक्ति हैं, जिसके पास पार्टी में कौन क्या है, इस बात की जानकारी है। उन्होंने कहा कि जहां भी उनकी सेवाओं की जरूरत होगी वह पहुंच जाएंगे।
थरूर का पक्ष
थरूर ने कहा था, ‘मेरा संदेश है, पार्टी में नई जान फूंकें, कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाएं, अधिकारों का विकेन्द्रीकरण करें और लोगों से जुड़े। मेरा विश्वास है कि इससे कांग्रेस राजनीतिक रूप से 2024 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भाजपा का मुकाबला करने को तैयार होगी।’ यह स्पष्ट करते हुए कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का पूरा सम्मान करते हैं, थरूर ने कहा कि चुनाव भाजपा से मुकाबला करने के विभिन्न तरीकों पर आधारित मैत्रीपूर्ण प्रतिस्पर्धा है और इसका विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि दोनों एक ही पार्टी के हैं।
अपना चुनावी घोषणापत्र जारी करते हुए थरूर ने कहा, ‘हमारी पार्टी जिस तरह से काम करती है, हमें उसमें सुधार करने की जरूरत है। हमें पार्टी में युवाओं को शामिल करने और उन्हें वास्तव में अधिकार देने की जरूरत है। साथ-ही-साथ हमें परिश्रमी और पुराने कार्यकर्ताओं को और सम्मान देने की भी जरूरत है।’
थरूर के घोषणापत्र में शक्ति/अधिकारों का विकेन्द्रीकरण, बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाना, पार्टी के राज्य प्रभारी के रूप में काम करने वाले महासचिवों का उपयोग देश निर्माण से जुड़ी गतिविधियों लिए करना और प्रदेश अध्यक्षों का कार्यकाल सीमित करके उन्हें फैसले लेने का पूरा-पूरा हक तथा सम्मान देना आदि शामिल हैं।