भोपाल : मशहूर गीतकार और पटकथा लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला ने संसद का बहिष्कार करने वालों को आसुरी शक्ति बताया है। भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने गौरव दिवस के अवसर पर बोलते हुए मनोज ने कहा कि भगवान करे कि इनको अब संसद में आने का कष्ट हो ही नहीं। उन्होंने भोपाल का नाम ‘भोज पाल’ रखने की वकालत भी की।
वास्तु के हिसाब से बनवाई गई नई संसद – मुंतशिर
नई संसद के बहिष्कार को लेकर बयानों और विवादों का सिलसिला चल ही रहा है कि इसमें अब गीतकार मनोज मुंतशिर भी शामिल हो गये हैं। दरअसल मनोज भोपाल गौरव दिवस के अवसर पर भोपाल आए थे। लाल परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में बोलते समय उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद वास्तु के हिसाब से बनवाई है। वास्तु के हिसाब से इस संसद के बनने का फायदा यह हुआ कि पहले दिन ही आसुरी शक्तियां इससे बाहर हो गई।
संसद का बहिष्कार करने वालों पर बड़ा इशारा
दरअसल मनोज का इशारा संसद का बहिष्कार करने वालों की ओर था। मनोज ने यह भी कहा कि भगवान करे कि ऐसे लोगों को संसद में आने का कष्ट ही ना हो। मनोज ने भोपाल का नाम ‘भोजपाल’ रखने की वकालत भी की और कहा कि दरअसल यह नगर परमार वंश के महान शासक राजा भोज के नाम पर है और उन्हीं के द्वारा बसाया गया था।
भोपाल का नाम ‘भोजपाल’ करने की मांग
आज इसका नाम भोपाल होना, मोहम्मद जैसे क्रूर शासक और हमीदुल्लाह जैसे आतंकी नवाब का बोध कराता है। इसीलिए इसका नाम बदलना चाहिए। मनोज मुंतशिर ने यह भी कहा कि राजा भोज शिव के उपासक थे और आज भी मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार है। ऐसे में अभी भोपाल का नाम भोज पाल नहीं होगा तो कब होगा।
भोपाल गौरव दिवस के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
1 जून को भोपाल गौरव दिवस के मौके पर राजधानी के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें गीतकार मनोज मुंतशिर सहित गायिका श्रेया घोषाल भी शामिल हुई थी। इसी आयोजन में राजधानी भोपाल के नाम को भोजपाल करने की बात मनोज मुंतशिर ने की है।
सीएम की घोषणाएं
भोपाल गौरव दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी महत्वपूर्ण घोषणा की।
- उन्होंने कहा कि भोपाल में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा।
- इसके साथ ही कन्वेंशन सेंटर का भी निर्माण किया जाएगा।
- सीएम ने घोषणा की है कि 1 जून गुरुवार को भोपाल गौरव दिवस के मौके पर अगले साल से सरकारी अवकाश घोषित किए जाएंगे।
- साथ ही होशंगाबाद रोड पर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण करवाया जाएगा।
- सीएम शिवराज की घोषणा के अनुरूप कमला पार्क से लालघाटी तक आठ लेन एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा।
- इसके साथ ही रोपवे चलाने के भी प्रयास किए जाएंगे
- साथ ही केवल कार को भी लेकर सीएम ने महत्वपूर्ण घोषणा की है।
- इसके अलावा वेस्टर्न बायपास बनाने की भी घोषणा की गई है।
ऐसे आजाद हुआ भोपाल
दरअसल 15 अगस्त 1947 को जब देश स्वतंत्र हुआ था, तब भोपाल को स्वतंत्र नहीं किया गया था। भोपाल के नवाब ने भोपाल रियासत को भारत में विलीन करने से इंकार कर दिया था। तब विलीनीकरण आंदोलन की शुरुआत की गई थी। 2 साल भोपाल रियासत में रहने वाले लोगों ने भोपाल को भारत में विलीन कराने के लिए आंदोलन किया। वही सरदार वल्लभभाई पटेल की कोशिशों के बाद 1 जून 1949 को भोपाल भारत का अंग बना था। जिसके बाद भोपाल की आजादी के दिन ही इसके गौरव दिवस की घोषणा की गई।