गांधीनगर : गुजरात में विधानसभा चुनाव में अब अधिक देर नहीं है। इस महीने के अंत तक चुनाव की तारीखों का ऐलान भी हो जाएगा। हालांकि, इससे ही चुनाव प्रचार जोर पकड़ चुका है। कांग्रेस जहां छोटी नुक्कड़ सभाओं और डोर टू डोर कैंपेन पर फोकस कर रही है तो भाजपा और पहली बार राज्य में सभी सीटों पर लड़ रही आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं ने रैलियों और रोड शो से माहौल पूरी तरह चुनावी बना दिया है। इस बीच पीएम मोदी ने तीन दिवसीय दौरे में ताबड़तोड़ रैलियों के सहारे भाजपा काडर में जोश फूंकने की कोशिश की है। इन जनसभाओं में उन्होंने पार्टी के कैंपने की दिशा भी तय कर दी है और उन हथियारों का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है, जिनके जरिए वह कई बार विपक्ष को पस्त कर चुके हैं।
खुद को चुनाव के केंद्र में रखने की कोशिश
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी रैलियों के सहारे एक बार फिर खुद को गुजरात चुनाव के केंद्र में ला दिया है। पीएम ने जनता को एक तरफ कांग्रेस के शासन काल की याद दिलाई तो यह भी बताया कि गुजरात में उनके सीएम बनने के बाद किस तरह बदलाव आए। पीएम केंद्र सरकार के कामकाज और उपलब्धियों को भी गिना रहे हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो पीएम मोदी विपक्ष को अपने पिच पर लाने की कोशिश में है। मोदी वह अब भी गुजरात में सबसे लोकप्रिय नेता हैं और ऐसे लोगों की एक बड़ी तादात है जो उन्हें ‘गुजराती प्राइड’ के रूप में देखते हैं। जानकार कहते हैं कि इसी वजह से दिल्ली में पीएम मोदी को खुलकर चुनौती देने वाले अरविंद केजरीवाल गुजरात में उनका नाम लेने से बचते हैं। वह केंद्र सरकार के खिलाफ भी बोलने से परहेज करते हैं और निशाने पर राज्य की भूपेंद्र सरकार को ही रखते हैं।
याद दिलाया अपना ‘अपमान’
आम आदमी पार्टी के गुजरात चीफ गोपाल इटालिया के ‘नीच किस्म का आदमी’ वाले वीडियो ने पीएम मोदी को एक बार फिर वह दांव चलने का मौका दे दिया, जिससे वह कांग्रेस को कई बार चित्त कर चुके हैं। अपने खिलाफ कांग्रेस नेताओं के कई विवादित बयानों को चुनावों में हथियार बना चुके पीएम मोदी ने मंगलवार को राजकोट की सभा में एक बार फिर याद दिलाया कि कैसे उन्हें ‘मौत का सौदागर’ तक कहा गया। पीएम ने कांग्रेस पर गालियां देने का आरोप लगाते हुए परोक्ष रूप से ‘आप’ पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें गाली देने का ठेका दूसरों को दे दिया गया है। पीएम ने देश की सबसे पुरानी पार्टी के गुपचुप प्रचार से कार्यकर्ताओं को सावधान करते हुए कहा कि कांग्रेस अब शांत हो गई है, उन्हें गाली नहीं दे रही है। नई रणनीति के तहत उसने यह काम दूसरों को दे दिया है।
कई बार कांग्रेस को हो चुका नुकसान
2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता मणिशंक्कर अय्यर ने पीएम मोदी को ‘नीच किस्म का आदमी’ कह डाला था और पीएम ने इसे अपनी जाति से जोड़ते हुए कांग्रेस को बैकफुट पर धकेल दिया था। 2019 में भी उन्होंने जनता को याद दिलाया कि कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें कौन-कौन सी गालियां दी हैं। राहुल गांधी की ओर से ‘चौकीदार चोर है’ कहे जाने को भी पीएम मोदी अपने समर्थन में मुहिम के तौर पर मोड़ चुके हैं। इस बार कांग्रेस के किसी नेता ने कोई विवादित टिप्पणी तो नहीं की है, लेकिन ‘आप’ नेता के पुराने वीडियो को चुनाव से ठीक वायरल करके बीजेपी ने फिर पुराना दांव चल दिया है।