भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल बदलने का सिलसिला जारी है। आए दिन नेता मौके की नजाकत को देखते हुए पाला बदल रहे है। हाल ही में विधायक वीरेंद्र रघुवंशी और पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत सहित कई नेताओं ने बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस का “हाथ” थाम लिया था और अब एक और पूर्व विधायक ने बीजेपी से किनारा कर लिया है।
महेन्द्र बागरी ने थामा कांग्रेस का दामन, लड़ सकते है चुनाव
पन्ना की गुन्नौर सीट से भाजपा विधायक रहे महेंद्र बागरी ने टिकट ना मिलने के चलते आज सोमवार को बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। वे आज सुबह पन्ना कांग्रेस जिलाध्यक्ष शिवजीत सिंह के साथ भोपाल पहुंचे और फिर कांग्रेस नेताओं से चर्चा करने के बाद, कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में पीसीसी चीफ कमलनाथ की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ली। महेंद्र बागरी के कांग्रेस में आने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें गुन्नौर से विधानसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है।
गुनौर सीट से भाजपा ने राजेश वर्मा को दिया हैं टिकट
बता दे कि भाजपा ने गुन्नौर सीट से पूर्व विधायक व 2018 में चुनाव हार चुके राजेश वर्मा को टिकट दिया है, जिसके बाद से गुन्नौर विधानसभा में भाजपा के कई नेताओं में असंतोष व्याप्त है। हाल ही में पूर्व विधायक महेंद्र बागरी और पार्टी नेत्री अमिता बागरी ने इसका खुलकर विरोध किया था और परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया था।
पिछला चुनाव हारे थे वर्मा, बीजेपी ने फिर लगाया दांव
गौरतलब है कि डॉ राजेश वर्मा पन्ना जिले की गिन्नौर सीट से भाजपा की टिकट पर 2008 के विधायक तो महेन्द्र 2013 के विधायक रह चुके है। साल 2013 के चुनाव में जब भाजपा ने डॉ राजेश वर्मा का टिकिट काटकर महेंद्र बागरी को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था, जिसमें 41980 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के शिवदयाल बागरी 40643 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। इसके बाद बीजेपी ने 2018 में भाजपा ने डॉ राजेश वर्मा को फिर मैदान में उतारा था लेकिन वे कांग्रेस के प्रत्याशी शिवदयाल बागरी से हार गए थे। इस बार फिर महेन्द्र को टिकट ना देकर बीजेपी ने वर्मा पर दांव लगाया है, ऐसे में स्थानीय स्तर पर नाराजगी है, ऐसे में इसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है।