MP : CM शिवराज और सिंधिया की आमसभा से पहले विधायक केपी सिंह ने पिछोर-खनियाधाना को जिला बनाने की मांग…

शिवपुरी : शिवपुरी जिले के पिछोर मे जिला बनाने की राजनीति भाजपा कांग्रेस आमने सामने आ गई है एक तरफ जिला बनाओ संघर्ष समिति जिले की मांग कर रही है वही आज जिले की मांग को लेकर आज भाजपा और कांग्रेस जिला बनाने के लिए आमने-सामने है आज एक बार फिर पिछोर में आज स्थानीय रेस्ट हाउस में विधायक केपी सिंह कक्काजू ने प्रेस बार्ता करते हुए कल पिछोर दौरे पर आ रहे सीएम शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया से पिछोर को जिला बनाने की मांग की है। उनकी इस मांग को राजनैतिक तरीके से जोडा जा रहा है। वही पंजाब सिंह यादव लगातार पिछोर विधानसभा के सैकड़ों ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंपर्क कर हस्ताक्षर अभियान में हजारों की तादाद में युवाओं के साथ हस्ताक्षर अभियान चलाकर पिछोर खनियाधाना को जिला बनाने की मांग की है

पंजाब सिंह यादव का आंदोलन गैर राजनीतिक है भाजपा के प्रत्याशी प्रीतम सिंह लोधी ने खनियाधाना को जिला बनाने की मांग मुख्यमंत्री महोदय से खनियाधाना स्वतंत्र स्टेट को जिला बनाने की मांग की है पिछोर में तो भाजपा ने विधानसभा चुनाब के लिए प्रीतम लोधी को प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। ​अब अगर कल वह मंच से जिला बनाने की घोषणा करते है तो इसका फायदा भाजपा के प्रत्याशी प्रीतम सिंह को होगा। तो उन्होंने कहा कि वह अपना फायदा और नुकसान से ज्यादा अपनी जनता का फायदा देखना चाहते है। पिछोर विधानसभा शिवपुरी जिले से 100 किमी की दूरी पर है। जिसके चलते यहां के लोगों को अपने अपने कामों के लिए परेशान होना पडता है। और अगर इससे उनका नुकसान होता है तो हो जाए। परंतु जनता का फायदा उनके लिए महत्वपूर्ण है।

ऐतिहासिक दृष्टिकोण से जिला बनाने की घोषणा की मांग भाजपा प्रत्याशी प्रीतम लोधी

भाजपा नेता प्रीतम लोधी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा कि खनियाधाना स्वतंत्र भारत में विलीन की कई स्वतंत्र रियासतों में से एक थी यहां के राजा खलकसिंह जूदेव ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम में महती भूमिका निभाकर चंद्रशेखर आजार जैसे स्वतंत्रा सेनानी की शरण स्थली एवं सुरक्षा स्थली रही है। रियासतों के विलीनीकरण के समय भारत सरकार ने वचन दिया था खनियांधाना रियासत को जिले का दर्जा मिलेगा उक्त वचन आज तक पूरा नहीं हुआ।

यहां पर एतिहासिक जैन तीर्थ क्षेत्र गोलाकोट पचराई जैन मंदिर, पनरिया नाथ शिव मंदिर, अहरवानपुर का किला, सीतापाठा, साटौरिया टापू एवं प्राकृतिक छोटे-बड़े झरने, गौमुख मंदिर, विलैयानाथ मंदिर एवं प्राकृतिक छोटे-बड़े झरने एवं बुधना नदी हजारों लाखों सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करते है।

भौगोलिक दृष्टिकोण से

उर नदी जो वेतवा नदी की सहायक नदी है जिस पर नागाहुरी डेम निर्माण होकर उर परियोजना अंतर्गत सैंकड़ों ग्रामों एवं कई तहसीलों एवं जिलों को लाभान्वित कर रही है। खनियांधाना अंतर्गत 101 ग्राम पंचायतें, 142 राजस्व ग्राम, 74 हल्के, 03 राजस्व वृत एवं 03 टप्पा तहसीलें सम्मलित है जो मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी तहसील के रूप में है ।

खनियांधाना की दूरी शिवपुरी जिले से 110 कि.मी. दूरी पर है जिससे हमेशा आवागमन एवं विकास कार्यों में परेशानी होती है यहां से बड़े शहर अशोकनगर-गुना, झांसी- ललितपुर, दतिया – ग्वालियर लगभग 100 कि.मी. की दूरी पर होने से चिकित्सा एवं उच्च शिक्षा एवं व्यापार में काफी परेशानी होती है जो जिला होने की शर्तों के दृष्टिकोण से भी सही है

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