भोपाल : प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी रंग दिखने शुरू हो गए है। ऑडियो वीडियो वायरल होने के साथ ही नेताओं द्वारा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का भी सिलसिला जारी है। इसी बीच अब पूर्व मंत्री और विधायक द्वारा बड़ा ऐलान कर दिया गया है। दरअसल उन्होंने चुनाव ना लड़ने का एलान किया है। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इतना ही नहीं पूर्व मंत्री और विधायक जनमत संग्रह की बात करते नजर आ रहे हैं।
मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और विधायक संजय पाठक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है। जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने जनमत संग्रह की बात कही है। उन्होंने कहा है कि यदि क्षेत्र के 50% से अधिक मतदाता उन्हें चुनाव लड़ने को कहेंगे, तभी वह चुनाव लड़ेंगे।
ऐसा हुआ तो नहीं लड़ेंगे चुनाव
विजय राघवगढ़ के बीजेपी विधायक ने कहा है कि क्षेत्र के 50% से अधिक मतदाता द्वारा सहमति मिलने के बाद ही वह चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि विधानसभा क्षेत्र के 50% लोगों ने सहमति नहीं दी तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। भूमि पूजन के बाद विजय राघवगढ़ में उन्होंने मंच से बड़ी घोषणा की है।
संजय पाठक यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि वह इसे लेकर अगले महीने मतदान करेंगे और मतदाता की सहमति मिलने के साथ ही विधानसभा चुनाव की तरफ आगे बढ़ेंगे। विधायक ने कहा कि अगले महीने यह वोटिंग होगी और बकायदा वोट छप कर आएगी और घर-घर बांटी जाएगी।
दो करोड़ 25 लाख रुपए की लागत से नौ विकास कार्यो का भूमिपूजन
बता दें कि विकास पर्व के तहत विजयराघवगढ़ के कई क्षेत्र में दो करोड़ 25 लाख रुपए की लागत से नौ विकास कार्यो का भूमिपूजन संजय पाठक द्वारा किया गया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि विधानसभा में विकास कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। इस दौरान संजय पाठक ने कहा था कि आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता के पुनः आशीर्वाद से प्रधान सेवक बनकर वह चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ संजय पाठक ने उपस्थित जनसमुदाय से 5 वर्षों में किए गए विकास कार्यों से जनता की संतुष्टि पर सवाल करते हुए उन्हें पुनः सेवा के लिए चुनाव लड़ने का आशीर्वाद भी मांगा था।
विजयराघवढ़ क्षेत्र के कद्दावर नेता हैं संजय पाठक
बता दे कि संजय पाठक विजय राघवढ़ क्षेत्र के कद्दावर नेता माने जाते हैं। राज्य के सबसे अमीर विधायक होने के साथ ही उन्होंने लगातार विजयराघवगढ़ से 4 बार चुनाव जीता है। 2016 से 18 तक वह शिवराज कैबिनेट के मंत्री भी रहे हैं। संजय पाठक पहले कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे और 2014 में उन्होंने भाजपा का हाथ थामा था।