MP: राज्य सरकार की बड़ी तैयारी, कार्य निरंतर जारी, 5 जिले लक्ष्य के निकट, मिलेगा आंगनवाड़ियों-स्कूल को भी लाभ…

भोपाल। आगामी चुनावों 2022 से पहले प्रदेश की राज्य सरकार का शासकीय योजनाओं पर विशेष फोकस बना हुआ है। समय समय पर सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद योजनाओं की मॉनिटरिंग कर रहें है और अधिकारियों-कलेक्टरों को विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में कामों में तेजी लाने के निर्देश दे रहे है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश में केन्द्र की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक जल जीवन मिशन का काम प्रगति पर है।अबतक 54 लाख घरों में जल पहुंच चुका है और  6800 से अधिक ग्रामों के “हर घर पहुँचा जल” है।

दरअसल, राज्य सरकार के प्रयास से जल जीवन मिशन में मध्यप्रदेश के 54 लाख 9 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों के घर पर नल कनेक्शन से जल उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है। करीब 50 हजार करोड़ रूपये लागत की जल प्रदाय योजनाओं पर तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश के लिए मिशन में ग्रामीण आबादी को दिए जाने वाले नल कनेक्शन के सम्पूर्ण लक्ष्य में 45.06 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की जा चुकी है।मिशन में मध्यप्रदेश के बुरहानपुर को देश का शत-प्रतिशत “हर घर जल” सर्टिफाइड जिला होने का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

खास बात ये है कि देश में 20 लाख से अधिक वार्षिक लक्ष्य वाले 12 बड़े राज्यों में प्रदेश ने अपना अच्छा स्थान लगातार बनाये रखा है। इसी तरह इन 12 राज्यों में सर्वाधिक ग्रामों के शत-प्रतिशत “हर घर जल” उपलब्ध करवाने में प्रदेश दूसरे पायदान पर है। अब तक प्रदेश के 6 हजार 817 ग्राम शत-प्रतिशत “हर घर जल” युक्त हो चुके हैं।  इनमें से केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा सर्वाधिक सर्टिफाइड घोषित ग्रामों की संख्या में मध्यप्रदेश अव्वल है। इसी श्रृंखला में ग्रामीण क्षेत्र में संचालित 41 हजार 284 आँगनवाड़ियों और 71 हजार 140 शालाओं में नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी की गई है। शेष शालाओं एवं आँगनवाड़ियों में भी नल कनेक्शन के कार्य निरंतर जारी हैं।

प्रदेश के पाँच जिले आगर-मालवा, हरदा, निवाड़ी, दतिया और इंदौर मिशन में अपने लक्ष्य को पाने के निकट हैं। प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जल प्रदाय योजनाओं के कार्य हो रहे हैं। अब तक 4 हजार 247 ग्राम में 100 से 90 प्रतिशत, 2 हजार 77 ग्राम में 90 से 80 प्रतिशत, 1 हजार 600 ग्राम में 80 से 70 और 14 हजार 985 ग्राम की जल प्रदाय योजनाओं के कार्य 70 से 60 प्रतिशत प्रगतिरत हैं।

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