MP : आज से दिखेगा मौसम में बदलाव, 24 घंटे में एक्टिव होगा नया सिस्टम, 4 संभागों में बारिश के आसार, जानें शहरों का हाल-IMD पूर्वानुमान…

भोपाल : आज सोमवार को सक्रिय होने वाले नए सिस्टम के चलते मध्य प्रदेश के मौसम में बदलाव आना शुरू हो जाएंगे।मानसून के सक्रिय होते ही  6 से 7 सितंबर तक लो प्रेशर एरिया एक्टिव होगा, जो 18 से 19 सितंबर तक एक्टिव रह सकता है। इसके प्रभाव से जबलपुर शहडोल संभाग समेत कई जिलों में अच्छी बारिश होगी, वही  मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। वही प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी मौसम बदला रहेगा। आज सोमवार भोपाल , जबलपुर में बादल छाने के साथ हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।वही पूर्वी हिस्से में कहीं-कहीं बारिश की आशंका है।

5 संभागों में अच्छी बारिश का अलर्ट

एमपी मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार-मंगलवार आसपास बंगाल की खाड़ी में सक्रिय होने वाले सिस्टम से छह -सात सितंबर तक जबलपुर शहडोल और रीवा सहित आस-पास के क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय हो सकता है, जिससे 18 सितंबर तक बारिश के आसार है। ग्वालियर-चंबल संभाग में में 5 से 7 सितंबर से हल्की से मध्यम बारिश शुरू हो सकता है, जिसका असर 12 सितंबर तक रहने की संभावना है। नए सिस्टम के असर से जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग के जिलों में मध्यम से तेज बारिश हो सकती है।

इसी हफ्ते सक्रिय होंगे 2 मजबूत सिस्टम

एमपी मौसम विभाग के मुताबिक, सितंबर में बंगाल की खाड़ी में बनने वाले दो सिस्टम के कारण इंदौर में भी बारिश की गतिविधियों में पांच सितंबर से तेजी आएगी, इस दौरान इंदौर संभाग में कहीं कहीं भारी बारिश भी हो सकती है। वर्तमान में बंगाल की खाड़ी के उत्तरी पश्चिमी हिस्से में चक्रवाती हवा को घेरा बना हुआ है,वो मंगलवार को निम्न दाब क्षेत्र में तब्दील होगा, वहीं 12 सितंबर को भी बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती हवाओं का घेरा बनेगा, जुससे इंदौर जिले में अच्छी वर्षा होगी।ग्वालियर में पांच सितंबर से रुक-रुककर तो छह दिन से मध्यम बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है।

जानिए कैसा रहेगा पूरे हफ्ते एमपी का मौसम

  • 4- 5 सितंबर को कहीं कही हल्की से मध्यम बारिश, 7 -8 तारीख को हल्की से तेज बारिश और 8 तारीख से 13 तारीख तक तेज बारिश होने की उम्मीद है।
  • 14 तारीख से 18 तारीख तक भी गरज चमक के साथ तेज बारिश होने की संभावना है।
  • सितंबर अंत में मानसून की विदाई के संकेत है हालांकि लोकल सिस्टम या फिर नए सिस्टम के प्रभाव से कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी की स्थिति बन सकती है।

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