भोपाल : सीएम शिवराज सिंह चौहान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल कर रहे हैं। चुनावी साल में बीजेपी कांग्रेस अपने अपने मोर्चे पर डटी हुई है और मुख्यमंत्री हर रोज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से एक सवाल कर रहे हैं। उन्होने कहा है कि पिछले चुनावों में कांग्रेस ने जो वचन पत्र दिया था वो झूठ का पुलिंदा है और एक बार फिर उन्होने झूठे वायदे करना शुरू कर दिया है। वहीं इसपर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि शायद ये प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में ये पहला मौका है कि 19 साल के मुख्यमंत्री महज 15 महीने मुख्यमंत्री से सवाल कर रहे हैं।
‘सवाल से भाग रहे हैं कमलनाथ जी’
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘कमलनाथ जी मेरे सवालों से भाग रहे हैं। वो कह रहे हैं पूछ क्यों रहे हो..! हम तो पूछेंगे, तुमने वादे करके पूरे क्यों नहीं किए इतने झूठ बोले पूरे नहीं किए। अब फिर नए झूठ रोज बोल रहे हैं।’ इसी के साथ उन्होने कहा कि ‘आज का मेरा सवाल है, कमलनाथ जी ने 2018 के वचनपत्र में यह कहा था कृषक कन्या विवाह के लिए, कृषक कन्या विवाह सहायता योजना प्रारंभ की जाएगी। इसमें प्रोत्साहन राशि ₹51 हजार दी जाएगी और ढाई एकड़ तक के किसान इसके पात्र होंगे। अब ये कृषक कन्या विवाह सहायता योजना तो कमलनाथ जी ने प्रारंभ की नहीं, जो मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना थी उसमें भी 51 हजार की बात करके आपने फेरे पड़वा दिये, डोली उठवा दी, बेटी ससुराल पहुंचवा दी लेकिन धेला नहीं दिया। जवाब तो देना पड़ेगा…! कमलनाथ जी जवाब दें, जिन बेटियों की शादी हुई उनके खाते में पैसे क्यों नहीं आए और कृषक कन्या विवाह योजना क्यों नहीं प्रारंभ की!’
कमलनाथ ने किया पलटवार
शिवराज सिंह चौहान के सवाल पूछने पर कह चुके हैं कि शिवराज जी मुझसे सवाल कर रहे हैं कि हमने किन वादों पर अमल किया और किन पर नहीं कर पाए। ऐसे सवाल कोई अस्थिर मति का व्यक्ति ही कर सकता है। मुख्यमंत्री का काम सवाल पूछना नहीं, जनहित की योजनाओं पर अमल करना है। अगर हमारी घोषणा जनहित की है तो आपकों इसे लागू करना चाहिए। वहीं वो उनके द्वारा की गई घोषणाओं पर भी लगातार पलटवार कर रहे है। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘शिवराज जी, आप एक बार फिर से अपना झूठ का पुलिंदा लेकर आ गए। आपने भाजपा के “नारी शक्ति संकल्प पत्र” में घोषणा की थी कि “मां और बच्चे के लिए स्वास्थ्य केंद्रों तक पर्याप्त परिवहन सुविधाएं प्रदान करने के लिए हम जननी एक्सप्रेस 108 एंबुलेंस की संख्या दोगुना करेंगे।’