MP : चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले भावुक हुए सीएम शिवराज, जनता से पूछा- चुनाव लड़ूं या नहीं? जानें क्या मिला जवाब…

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान से पहले और एमपी में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की अटकलों के बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान के एक बयान ने एक बार फिर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। सीएम ने बुधनी की जनता से सवाल किया है कि उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं? यदि लडना चाहिए तो क्या बुधनी से ही लडना चाहिए या नहीं? इस दौरान जनता ने भी एक साथ सुर में जबाव दिया, जनता से सवाल पूछते समय सीएम भावुक होते हुए भी नजर आए।

दरअसल, मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान गृह जिले सीहोर में एक जन सभा करने पहुंचे थे, जहां भाषण देते हुए वे भावुक हो गए और उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से पूछा मैं चुनाव लड़ूं या नहीं और लड़ू तो कहां से लड़ू? इस बीच बुधनी की सभा में मौजूद कार्यकर्ताओं ने मामा-मामा के नारे लगाना शुरू कर दिया और कहां कि वे चुनाव लड़ें। वहीं जनता की तरफ से भी हां में जवाब आया।इसके बाद सीएम शिवराज ने भी सभी लोगों को प्यारे भांजे बोलकर उनकी इस इच्छा को पूरा करने की बात कही।

अब जनता ने कह दिया तो चुनाव तो जरूर लड़ूंगा

कार्यक्रम के बाद जब पत्रकारों ने सीएम से चुनाव लड़ने को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि जब आप चुनाव लड़ते हैं तो जनता की राय बहुत जरूरी होती है और अब जब जनता ने कह दिया है तो जरूर चुनाव लडूंगा।  हालांकि सीएम विधानसभा 2023 में चुनाव लड़ेंगे या नहीं, किस सीट से लड़ेंगे यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन इससे पहले उन्होंने अपनी विधानसभा बुधनी में लोगों से इस संबंध में राय मांग कर राजनैतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।बता दे कि यह पहला मौका नहीं है जब सीए शिवराज भावुक हुए हो, इससे पहले लाड़ली बहना के एक कार्यक्रम के दौरान भी शिवराज ने भावुक होकर कहा था कि मेरे बाद मुझे बहुत याद करोगे, बताओ क्या ऐसा भैया मिलेगा।

बुधनी की बजाय विदिशा से लड़ सकते है चुनाव!

गौरतलब है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान के राजनैतिक करियर की शुरू बुधनी से ही हुई है, वे इसी सीट से ही लगातार चुनाव जीतकर विधायक बनते आ रहे है, लेकिन इस बार पार्टी संगठन के चलते बुधनी के बजाय विदिशा से चुनाव लड़ाए जाने की अटकलें चल रहीं हैं। यह कयास इसलिए भी लगाए रहे है कि इस बार बीजेपी ने हारी हुई सीटों पर 7 सांसदों को मैदान में उतारा है। इसमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रह्लाद पटेल फग्गन सिंह कोलस्ते राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सांसद गणेश सिंह रीति पाठक राकेश सिंह उदय रावत प्रताप सिंह जैसे दिग्गजों के नाम है. ऐेसे में संगठन के अंदर खाने यह मांग भी उठ रही है कि 18 साल के सीएम को आसान सीट और उनके गृह क्षेत्र की सीट के बजाय किसी हारी हुई सीट से उतारा जाए। हालांकि विदिशा सीट शिवराज के लिए मुश्किल नहीं है, वे विदिशा लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं।

शिवराज का राजनैतिक सफर

  • सीएम शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को मध्य प्रदेश के बुधनी में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री प्रेमसिंह चौहान और माता श्रीमती सुंदरबाई चौहान हैं।
  • मार्च 2020 को वे मध्य प्रदेश के चौथी बार मुख्यमंत्री बने और उनके नाम सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। पहली बार उन्होने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए उन्होने 29 नवंबर 2005 को शपथ ली थी।
  • सीएम के राजनीतिक सफर की शुरूआत 1990 में बुधनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक बनने से हुई और 1991 में वे विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बने।
  • शिवराज सिंह मध्‍यप्रदेश में सबसे लम्‍बे समय तक मुख्‍यमंत्री के रूप मे कार्यभार संभालने वाले पहले मुख्‍यमंत्री हैं।मध्य प्रदेश में वो ‘मामा’ के रूप में लोकप्रिय हैं ।

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