MP : छुट्टी नहीं होने पर भड़की कांग्रेस, जीतू पटवारी बोले- ये आदिवासी समाज का अपमान, पीसी शर्मा ने भी कसा तंज…

ग्वालियर : आज विश्व आदिवासी दिवस है देश में कई जगह आदिवासियों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं लेकिन मध्य प्रदेश में कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं किये जाने और पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा घोषित छुट्टी निरस्त किये जाने से कांग्रेस भड़की हुई है।

ग्वालियर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस पर कांग्रेस सरकार ने छुट्टी घोषित की थी लेकिन भाजपा सरकार ने छुट्टी नहीं की बल्कि आदिवासी समाज को जो सम्मान देना चाहिए था वो भूल गई , उन्होंने कहा , मैंने पहले भी कहा है ये सरकार भाजपा की नहीं है, ये सरकार जनता की भी नहीं है ये माफिया की सरकार है , इनका संवेदनाओं से कोई लेना देना नहीं, जनता की भावनाओं से इनका कोई लेना देना नहीं , इनका काम है कर्ज लेना और करप्शन करना।

कांग्रेस बोली- हर घर पर तिरंगा लगाने के लिए अलग से आदेश की जरुरत ही नहीं  

हर घर तिरंगा अभियान के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान के सवाल पर जीतू पटवारी ने कहा  कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को हर घर में तिरंगा लगना ही चाहिए, मेरे हिसाब से तो अलग से आदेश की जरुरत ही नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पहचान ही शहादत से है, इसलिए हमारा कार्यकर्ता तो तिरंगा लगाएगा ही, प्रदेश के हर नागरिक को लगाना चाहिए।

 जीतू पटवारी का दावा, विजयपुर सीट कांग्रेस जीतेगी 

विजयपुर सीट पर होने वाले उप चुनाव से जुड़े सवाल पर जीतू पटवारी ने कहा अमरवाड़ा में हम केवल 3 हजार से  वोट से हार गए लेकिन विजयपुर में ऐसा नहीं होगा, हम माइक्रो लेवल पर तैयारी कर रहे हैं, यहाँ  रामनिवास  रावत के खिलाफ माहौल है, जनता में आक्रोश है क्योंकि  उन्होंने परिवार और अपने लिए निर्णय लिया है तो लोग गुस्से में हैं।

भाजपा सरकार आदिवासी विरोधी : पीसी शर्मा  

जीतू पटवारी के साथ ही ग्वालियर पहुँचे पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने भी आदिवासी दिवस पर छुट्टी नहीं होने और कोई कार्यक्रम नहीं किये जाने पर नाराजगी जताई , उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस पर मध्य प्रदेश में की छुट्टी की थी, आज कार्यक्रम होना चाहिए था हम लोगों ने अलग अलग जिलों में जाकर कार्यक्रम किये थे, लेकिन भाजपा सरकार ने कोई कार्यक्रम नहीं किया, उन्होंने कहा – भाजपा आदिवासी विरोध है ये आदिवासियों का अपमान है।

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