भोपाल : मध्य प्रदेश की मोहन सरकार कार्य सुविधा के हिसाब से अधिकारियों के तबादले कर रही है, सरकार के गठन के बाद लगातार प्रशासनिक अधिकारियों के तबादला आदेश जारी हो रहे हैं, कल रविवार को छुट्टी वाले दिन भी IAS और IPS अधिकारियों के तबादलों की लिस्ट जारी हुई जिसपर कांग्रेस ने तंज कसा है। जीतू पटवारी ने तंज कसते हुए कहा है कि और कहीं हो ना हो, इस मामले में मध्य प्रदेश “आत्मनिर्भर” हो चुका है।
रविवार रात जारी हुए 6 IAS और 2 IPS अधिकारियों के तबादला आदेश
मप्र शासन ने रविवार की रात 6 IAS और 2 IPS अधिकारियों के तबादलों के अलग अलग आदेश जारी किये। ये आदेश मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के ग्वालियर के करीब 9 घंटे के प्रवास के बाद उनके भोपाल पहुँचते ही जारी हुए, इसमें ग्वालियर जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ, शासन ने ग्वालियर संभाग आयुक्त (चंबल संभाग आयुक्त का भी चार्ज ) दीपक सिंह, ग्वालियर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और ग्वालियर एसपी राजेश सिंह चंदेल का तबादला कर दिया, रात को किये तबादले के बाद ग्वालियर की नई कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान ने आज सोमवार को ज्वाइन भी कर लिया।
कांग्रेस का तंज- 100 दिन में तबादला फैक्ट्री 100 की स्पीड से दौड़ रही
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश सरकार के तबादलों की स्पीड पर तंज कसा है, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया X पर लिखा – मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के 100 दिन होने वाले हैं, शुरुआत के 100 दिनों में ही “तबादला-फैक्ट्री” 100 की स्पीड से दौड़ने लगी है और कहीं हो ना हो, इस मामले में मध्यप्रदेश “आत्मनिर्भर” हो चुका है।
जीतू पटवारी बोले- सचिवालय में घूम रहे “कोर्डिनेटर्स” में “किंग” बनने का खुला “कम्पटीशन”
जीतू पटवारी ने लिखा- रविवार को फिर 06 IAS और 02 IPS के ट्रांसफर किए गए, मसला यह बिल्कुल नहीं है कि ट्रांसफर क्यों किए गए? सवाल सिर्फ यह है कि ट्रांसफर को लेकर जिस तरह का दबाव प्रबंधन हो रहा है, ऐसा पहले नहीं था मैं फिर दोहरा रहा हूँ, “सरकार के सूत्र ही बता रहे हैं कि सचिवालय में घूम रहे “कोर्डिनेटर्स” में “किंग” बनने का खुला “कम्पटीशन” चल रहा है। फिलहाल सभी को राहत इस बात से बहुत ज्यादा है कि सभी की सुनवाई भी हो रही है।”
सोशल मीडिया पर लिखा- “सौदागर” मंत्रियों के चक्कर भी काट रहे हैं
उन्होंने लिखा- लोकसभा चुनाव आचार संहिता की आड़ में सारे भाजपाई तबादला करवाने में लग गए हैं, जिलों से सिफारिश कर संभाग तक आई सूची को ग्वालियर, चंबल, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, नर्मदापुरम, सागर, रीवा, शहडोल, जबलपुर में अंतिम रूप दिया जा रहा है। जिला और शहर के अध्यक्षों के साथ-साथ, छोटे-बड़े नेताओं के प्रस्ताव भोपाल भेजे जा रहे हैं, “सौदागर” मंत्रियों के चक्कर भी काट रहे हैं, कई विधायकों ने संगठन के माध्यम से भी अपने नामों की सूची सीधे CM को भेज दी है।
भाजपा सरकार पर हमला – “मोदी की गारंटी” पूरी हो या नहीं, लेकिन यह कार्य जरुर हो रहा
सभी का एक ही लक्ष्य है किसी भी तरह से जुगाड़-जरिया लगाकर, शुद्ध लाभ के इस धंधे को चुनाव पूर्व वसूली का माध्यम भी बना लिया जाए। भाजपा में यहां भी समाजवाद है, एक लक्ष्य-एक ही मकसद – मुनाफा। “मोदी की गारंटी” पूरी हो या नहीं, लेकिन यह कार्य “मोदी की गारंटी” की तरह, पूरी ईमानदारी से पूरा किया जा रहा है। न कोई अंतर्विरोध, न किसी तरह का मनमुटाव, यह आंतरिक एकता, अनुशासन की भी नई मिसाल है। यदि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सरकार ऐसे ही गजब तालमेल से विकास और विधानसभा चुनाव की घोषणाओं के लिए एकजुट हो जाए, तो जनता और प्रदेश का ज्यादा भला होगा, लेकिन, क्या ऐसा होगा?