ग्वालियर : नशामुक्ति पर अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलने के बाद अब उमा भारती ने अवैध रेत उत्खनन को लेकर मोर्चा खोला है। धौलपुर से मुरैना आते समय उन्होने घड़ियालों के लिए रिजर्व क्षेत्र मे वाहनों की कतार देखी तो अचरज में पड़ गई। इसे लेकर उन्होने ट्वीट करते हुए इसपर रोक लगाने और सीएम से इस बारे में बात करने की बात लिखी है। इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने भी उमा भारती का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की मांग की है।
उमा भारती ने किए ट्वीट
उमा भारती ने लगातार 5 ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘मैं अभी दिल्ली से धौलपुर के एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए मुरैना के ग्राम अजनोद में एक कार्यक्रम में आ रही थी। मैंने चंबल के पुल के दोनों तरफ भारी संख्या में ट्रैक्टर जैसे वाहन देखे। राजस्थान में जैसा युद्ध अभ्यास करते हुए सेनाओं के टैंक चलते हैं ऐसे ही सैकड़ों की संख्या में मैंने पुल के नीचे रेत में वाहन चलते हुए देखे। पता लगा कि यहां खनन हो रहा है, मुझे लगा कि यह वैध होगा, लेकिन पता लगा कि यह तो घड़ियालों के लिए रिजर्व एरिया है और यह पूरा खनन अवैध है। यह सब बहुत भयानक एवं शासन के लिए चुनौती है जो मैंने देखा है वह किसी भी शासन के होते हुए ऐसा नहीं हो सकता। मैं कल ही सुबह मुख्यमंत्री जी से इस विषय पर बात करूंगी एवं तुरंत रोक लगाने के लिए कहूंगी क्योंकि ऐसी घटनाओं एवं ऐसे दृश्यों से शासन का अस्तित्व कोई नहीं मानेगा। यह तो निरी अराजकता है इस पर तुरंत कठोरता से रोक लगानी चाहिए।’
कांग्रेस ने सीएम से की ये मांग
इस मुद्दे पर कांग्रेस भी सामने आ गई है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा है कि वो पिछले 18 वर्षों से लगातार मुख्यमंत्री से बात कर रहे हैं और विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं। उन्होने कहा कि उमा भारती जो कह रही हैं, उसमें सच्चाई है। उन्होने कहा कि पूरे प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन जारी है। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुए है जिसमें भिंड जिले में पुलिस के अधिकारी, सिपाही, नेताओं सहित कई कद्दावर लोगों के ट्रक चोरी से चल रहे हैं। ये कंपनी द्वारा गोपनीय तरीके से सूची बनाई गई थी। उन्होने कहा कि वो एक बार फिर मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि जो वीडियो वायरल हुआ है उसकी उच्च स्तरीय जांच कराएं और उनकी वरिष्ठ नेता उमा भारती की बात पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। जब वो बात कर रही हैं तो इसमें गंभीरता होगी। दोषी अधिकारियों और रेत माफिया पर कार्रवाई होने चाहिए, तभी पता चलेगा कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार को समाप्त करना चाहते हैं। बता दें कि प्रदेश में तमाम कोशिशों के बाद भी अवैध रेत उत्खनन पर रोक नहीं लग पाई है। पिछले साल खनिज विभाग ने रेत खनन पर रोक लगाने में कामयाब रहे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित दो अन्य राज्यों के खनिज विभागों को पत्र लिखकर उनकी खनिज नीति की मांग की थी।