इंदौर : इंदौर में हुए बालेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में बावड़ी हादसे में करीब 36 लोगों की जान चली गई थी। जिसके बाद पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने जिला कोर्ट में परिवाद दायर किया था। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी याचिका में निगमायुक्त प्रतिभा पाल के साथ करीब 12 अन्य अधिकारियों के खिलाफ धारा 201, 204, 295 और 295 ए में एफ आई आर दर्ज करने की मांग की है।
दरअसल, जब बिलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की घटना हुई तब प्रतिभा पाल इंदौर नगर निगम की कमिश्नर थी। इस हादसे के बाद उनका ट्रांसफर हो गया। उसके बाद अब वह रीवा जिला कलेक्टर के पद पर कार्यरत है।
उनके खिलाफ जिस धारा में केस दर्ज करने की मांग की गई है वो घटना के साक्ष्य मिटाने और किसी वर्ग के धर्म के अपमान करने के, आशय से उपासना स्थल को क्षति करने और अपवित्र करने के लिए की गई।
इसको लेकर परिवाद में कहा गया है कि अधिकारियों ने संगमत होकर कृत्य किए हैं। अतिक्रमण हटाने के बजाय सिर्फ नोटिस जारी किए गए। 36 लोगों की मौत के साक्ष्य भी नष्ट कर दिए गए। संगमत होकर बावड़ी को नष्ट करते हुए मलबे से भर दिया गया।
इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग
- तत्कालीन निगमायुक्त प्रतिभा पाल
- रिमूवल अधिकारी व निगम उपायुक्त लता अग्रवाल
- सहायक रिमूवल अधिकारी अश्विन जनवदे
- जोनल अधिकारी जोन 18 अतीक खान
- सिटी इंजीनियर अनूप गोयल
- सिटी इंजीनियर और निगम क्षेत्र के कुएं, बावड़ी प्रभारी सुनील गुप्ता
- उपयंत्री कुएं व बावड़ी प्रभारी सेवाराम पाटीदार
- बिजली विभाग इंचार्ज राकेश अखंड
- जेसीबी मशीन संचालक मनीष पांडे
बगीचा प्रभारी चेतन पाटील - सब इंजीनियर रिमूवल अधिकारी प्रकाश नागर
- भवन अधिकारी जोन 18 परसराम आरोलिया
- मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष सेवाराम गलानी