भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। इसमें उन्होने पन्ना जिले के कलेक्टर संजय कुमार मिश्र की पदस्थापना के दौरान आदिवासी परिवारों के जितने भी प्रकरणों में जमीनों को बेचने की अनुमति दी गई है, उन सभी मामलों की राज्य स्तर से जांच कराने की मांग की है। इसी के साथ दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग भी की गई है।
दिग्विजय सिंह का पत्र
“मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार की कड़ी में पन्ना जिले का एक और मामला सामने आया है जहां एक गरीब आदिवासी को भूमिहीन बनाते हुए उसकी जमीन अन्य व्यक्ति को बेचने की अनुमति कलेक्टर ने दे दी है। भूमाफियाओं द्वारा आदिवासी वर्ग के गरीब वंचित परिवारों से उनके रहने और पालन पोषण का एकमात्र स्त्रोत भी छिना जा रहा है। पन्ना जिले के आदिवासियों के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि तत्कालीन कलेक्टर श्री संजय कुमार मिश्र द्वारा अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है। श्री मिश्र द्वारा ग्राम कल्याणपुर के आदिवासी वर्ग गरीब वंचित परिवार के श्री राकेश कुमार गौंड की उक्त भूमि को भूमाफियाओं के नाम पर बेचे जाने की अनुमति दी गई है। कलेक्टर ने अपने स्थानांतरण होने के पश्चात कार्यमुक्ति के अंतिम दिवस जाते-जाते यह आदेश जारी किया है। कलेक्टर ने अपने आदेश में लिखा है कि श्री राकेश गाँड को अपना इलाज कराने और घर खर्च चलाने के लिये जमीन बेचनी पड़ रही है। इस तरह के प्रकरणों में आदिवासियों के हितों पर कुठाराघात किया गया और उन्हें भूमिहीन कर मजदूर बनने के लिये विवश किया गया।”
“पन्ना जिले में अपने तीन वर्ष के विवादस्पद कार्यकाल के दौरान श्री मिश्र पर रेत माफियाओं को संरक्षण देने के अनेक मामले सामने आये थे। इसी दौरान मुड़िया पहाड़ की बेशकीमती जमीन आदिवासी हीरा गौंड से लेकर एक भाजपा के नेता ने अपने नाम करा ली थी। इस प्रकरण में भी कलेक्टर श्री मिश्र द्वारा आदिवासियों के हितों की रक्षा नही की थी। अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि पन्ना जिले में श्री मिश्र की पदस्थापना के दौरान आदिवासी परिवारों के जितने भी प्रकरणों में जमीनों को बेचने की अनुमति दी गई है उन सभी मामलों की राज्य स्तर से जांच कराई जाये और दोषी पाये जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जाये।”