MP : दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र, आदिवासियों को जमीन का उचित मुआवजा दिलाने की मांग…

भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। इसमें उन्होने धार जिले के बदनावर विधानसभा क्षेत्र में पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क निर्माण के लिये अधिगृहित जमीन की एवज़ में गरीब आदिवासियों को जमीन का उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है। पत्र में की भूमि का भू-अधिग्रहण अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुरूप उचित मुआवजा देने तथा परिवार के एक सदस्य को नौकरी प्रदान कर विस्थापन की उचित योजना बनाकर पुनर्वास करने की मांग की गई है। इसी के साथ उन्होने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने गरीबों और आदिवासियों के हितों के खिलाफ नियम विरूद्ध विस्थापन किया तो वे पीड़ित परिवारों के हक में आंदोलन करेंगे।

दिग्विजय सिंह का पत्र

‘श्री शिवराज सिंह चौहान जी..धार जिले के बदनावर क्षेत्र में ग्राम भेसोला सहित अन्य 10 गावों के गरीब आदिवासियों को बेघर कर पी.एम. मित्र टेक्सटाइल पार्क का निर्माण किया जा रहा है। इससे आपकी सरकार की गरीब वंचित वर्ग के प्रति संवेदनशीलता साफ नजर आ रही है। स्थानीय समाचार पत्र में भी इस संबंध में खबर प्रकाशित हो रही है। जो पत्र के साथ मूलतः संलग्न है।

श्री अशोक डावर, सभापति, कृषि समिति जिला पंचायत धार ने बताया है कि सरकार द्वारा धार जिले के बदनावर क्षेत्र में पी.एम. मित्र टेक्सटाइल पार्क का निर्माण कराये जाने हेतु एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किया गया है। मध्यप्रदेश में गरीबों, वंचितों और आदिवासी परिवारों पर हो रहे अत्याचारों की फेहरिस्त में एक अध्याय और सरकार द्वारा जोड़ा जा रहा है। इस पार्क के निर्माण के लिये ग्राम भेसोला सहित 10 गांव की भूमि अधिग्रहित की जा रही है परन्तु सरकार ने इन ग्रामों में निवासरत गरीब आदिवासियों के विस्थापन की कोई योजना नही बनाई गई है। आदिवासियों के प्रति अमानवीय व्यवहार से ग्रामीणों में सरकार के प्रति अत्याधिक आक्रोश व्याप्त है। इस प्रोजेक्ट में प्रभावित हो रहे ग्रामीणों ने सरकार द्वारा अधिग्रहित की जा रही भूमि का उचित मुआवजा प्रदान करने तथा परिवार के एक सदस्य को नौकरी प्रदान किये जाने का निवेदन किया है।

मेरा आपसे अनुरोध है कि पी.एम. मित्र टेक्सटाइल पार्क निर्माण के लिये अधिग्रहित की जाने वाले गरीब आदिवासियों को उनकी भूमि का भू-अधिग्रहण अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुरूप उचित मुआवजा देने तथा परिवार के एक सदस्य को नौकरी प्रदान कर विस्थापन की उचित योजना बनाकर पुनर्वास किया जाये। तत्पश्चात ही उनके विस्थापन की कार्यवाही की जानी चाहिये। गरीबों और आदिवासियों के हितों के खिलाफ यदि सरकार ने नियम विरूद्ध विस्थापन किया तो मैं पीड़ित परिवारों के हक में आंदोलन करूँगा। सहयोग के लिये मैं आपका आभारी रहूँगा।’

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