भोपाल : मध्यप्रदेश में डॉक्टरों का अपनी मांगों को लेकर 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। भोपाल समेत कई जिला अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने शासन की वादाखिलाफी पर हड़ताल का नोटिस थमा दिया है। बुधवार को भी ये प्रदेश भर में काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। इनका कहना है कि सरकार ने इन्हें एक महीने में सारे मुद्दे सुलझाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक उनकी मांगों को लेकर कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए हैं, इसीलिए वो ये फैसला ले रहे हैं।
प्रदेशभर के डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर एकजुट हो चुके हैं। पुरानी पेंशन बहाल, DACP नीति लागू करने, अधिकारियों ही दखलअंदाजी और पदोन्नति के लिए बनाई गई है एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (DACP) जैसी कई मांगों को लेकर इन्होने हड़ताल पर जाने का नोटिस दे दिया है। भोपाल, इंदौर जबलपुर शहडोल, कटनी, सतना , जबलपुर, रतलाम, शिवपुरी, खंडवा समेत 20 जिलों ने सम्पूर्ण चिकित्सीय कार्य बंद का नोटिस दिया है।
बता दें कि 17 फरवरी 2023 को मध्य प्रदेश के करीब 10,000 शासकीय/स्वशासी चिकित्सकों ने प्रशासनिक अधिकारियों की दखलंदाजी, डीएसीपी, चिकित्सकों के निश्चित आगे बढ़ने के अवसर, संविदा चिकित्सकों की परशनियों जैसे मुद्दे को लेकर 17 फरवरी को हड़ताल की थी। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात में महासंघ के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया गया कि एक महीने में उनकी समस्याओं का निराकरण कर दिया जाएगा। इसे लेकर तत्काल एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया गया जिसे एक महीने की समय सीमा दी गई। तीन बैठकों के बाद 31 मार्च को समिति की निर्णायक बैठक हुई जिसमें सभी सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर कर मीटिंग में रखे गए मुद्दे सरकार को भेजे। लेकिन इसके बाद करीब 25 दिन बीत चुके हैं और उस बैठक में लिए गए निर्णयों को अब तक लागू नहीं किया गया। इसे लेकर चिकित्सकों ने कहा है कि उनके साथ धोखाधड़ी और वादाखिलाफी हुई है, इसीलिए 26 अप्रैल को इंदौर में महासंघ की बैठक के बाद इन्होने फैसला लिया है कि 3 मई से ये अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। इस दौरान सभी चिकित्सीय कार्य, ओपीडी, आईपीडी, ऑपरेशन आदि का काम बंद रहेगा।