भोपाल : एक तरफ बीजेपी जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है, दूसरी तरफ कांग्रेस उसे टुकड़े-टुकड़े यात्रा बता रही है। नीमच में यात्रा पर हमले को लेकर बीजेपी आरोप लगा रही है कि ये कांग्रेस की कारस्तानी है तो कमलनाथ कह रहे हैं कि ये यात्राएं राजनीतिक-निर्लज्जता है। इस तरह मध्य प्रदेश में चुनावी रार ज़ोरों पर है। अब एक बार फिर दोनों ही दल एक दूसरे पर हमलावर हैं।
कमलनाथ ने बीजेपी-बैनर को लेकर साधा निशाना
कमलनाथ ने बीजेपी के पोस्टर बैनर को लेकर निशाना साधा है। उनका कहना है कि भाजपाई जो लिख रहे हैं कि इस बार फिर भाजपा सरकार आएगी, वो ये भूल गए हैं कि पिछली दफा चुनावी नतीजों में उन्हें जनादेश नहीं मिला था और सरकार दरअसल कांग्रेस की बनी थी। यहां याद दिलाते चलें कि कमलनाथ लगातार बीजेपी पर सौदे की सरकार बनाने का आरोप लगाते आए हैं और इसी क्रम में एक बार फिर उन्होने सत्ता पक्ष को घेरा है। ट्वीट करते हुए उन्होने लिखा कि ‘भाजपा के नेताजी अपने बैनर पर लिख रहे हैं ‘फिर इस बार, भाजपा सरकार’, वो भूल गये हैं पिछली बार ही जनता ने उनको कर दिया था बाहर। जिनको इतनी बड़ी बात भी याद नहीं, वो अपने वादे क्या याद रखेंगे। इस बार मुख्यमंत्री जी के साथ कई लोग अपनी अंतिम पारी खेल रहे हैं। अठारह साल से कुशासन का प्रतीक बने लोग अब अस्सी साल तक भी फिर से वापस नहीं आएँगे।’
शिवराज ने कहा ‘हथकंडों से नहींं मिलेगी सफलता’
वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की जन आशीर्वाद यात्रा को जो जनसमर्थन मिल रहा है, उससे कांग्रेस बौखला गई है। उनके इस बयान को नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट किया है। दरअसल एक दिन पहले नीमच के मनासा में यात्रा पर पथराव को लेकर बीजेपी आरोप लगा रही है कि इसके पीछे कांग्रेस का हाथ है। इसी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ जी पहले से ही पत्थरों की बात कर रहे थे जो कई संदेह पैदा करता है। इसकी जांच के निर्देश दिए हैं और कार्रवाई होगी लेकिन इस तरह के हथकंडों से उन्हें सफलता नहीं मिलेगी। चाहे वो कुछ कर लें, बीजेपी बहुमत से जीतने वाली है। मध्य प्रदेश की राजनीति शालीन रही है और ऐसी चीजों के लिए कोई स्थान नहीं है। इस तरह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री दोनों एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं साथ ही सरकार बनाने का दावा भी कर रहे हैं। इस बीच दोनों का शक्तिप्रदर्शन भी जारी है और जनता को लुभाने की कवायद भी। अब फिल्म का क्लाइमेक्स को अंत में ही पता चलेगा, लेकिन ये तय है कि चुनावी नतीजे आने तक जनता को कई तरह के दृश्य देखने को मिलते रहेंगे।