भोपाल : भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने दिग्विजय सिंह के इस्तीफे के फर्जी पत्र मामले में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हालांकि कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने इस मामले में बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता हितेश वाजपेई के खिलाफ एफआईआर का आवेदन दिया था। इस मामले को लेकर केके मिश्रा और हितेश वाजपेई अब आमने सामने आ गए हैं। वाजपेई ने पुलिस अधिकारी को धमकाने वाला वीडियो वायरल होने के बाद इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। वहीं ‘अज्ञात’ के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद केके मिश्रा ने कहा कि अपराध शाखा ने हमें लॉलीपॉप दिया है।

केके मिश्रा का आरोप
कांग्रेस मीडिया प्रभारी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो पुलिस अधिकारी से अपनी एक शिकायत को लेकर जवाब तलब कर रहे हैं। इसमें वो कह रहे हैं कि ‘फरवरी 2023 में उन्होने हितेश वाजपेई के खिलाफ एक फर्जी वीडियो की शिकायत कराई थी। फर्जी वीडियो में दिग्विजय सिंह हिंदुओं से गौमांस खाने की अपील करते नजर आ रहे थे। इस शिकायत के बाद उन्हें बयान के लिए बुलाया भी गया था, लेकिन अब तक उसपर कार्रवाई नहीं की गई है।’ केके मिश्रा ने कहा कि अगर उसी समय कार्रवाई की गई होती तो हितेश वाजपेई की दुबारा ऐसा कृत्य करने की हिम्मत नहीं होती। एक दिन पहले दिग्विजय सिंह के इस्तीफे की खबर को लेकर उन्होने आरोप लगाया कि इस फर्जी पत्र के पीछे भी बीजेपी नेता वाजपेई का हाथ है। मिश्रा ने कहा कि सरकार के दबाव में साइबर सेल भारतीय जनता पार्टी का दफ्तर बना हुआ है। इसी के साथ उन्होने कहा कि इन चुनावों में कांग्रेस की सरकार बनने वाली है और उसके बाद इन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
हितेश वाजपेई का पलटवार
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता हितेश वाजपेई ने इस मामले को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए कहा है कि क्या एक ड्यूटी पर तैनात अफसर को ये लोग धमकाएंगे और इस तरह चुनाव होगा ? उन्होने कहा कि ब्राम्हणों को गाली देने वाले कांग्रेसी एक पुलिस अधिकारी को धमका रहें हैं और देख लेने की धमकी दे रहें हैं। वाजपेई ने कहा कि ‘क्या यह अनैतिक और अवैधानिक नहीं है ? ये स्पष्ट MCC का उल्लंघन है और इस पर सख्त निर्देश जारी होना चाहिए जिससे की भय मुक्त चुनाव हों ! चुनाव आयोग द्वारा इन पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए जाएँ। वहीं डीजीपी एमपी भी इसका संज्ञान लेकर निष्पक्ष अफसरों का मनोबल एसे राजनेता न गिराएं इसलिए कार्यवाही जरूर करिए !’ उन्होने कहा कि वो उम्मीदकरते हैं कि कमलनाथ जी भी अपने कार्यकर्ताओं को सरकारी अधिकारियों का आदर करना सिखाएंगे और इस घटना का संज्ञान लेंगे !

पुलिस ने दर्ज किया प्रकरण
फिलहाल दिग्विजय सिंह के इस्तीफे वाल फर्जी पत्र को लेकर कांग्रेस की शिकायत पर भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 469 और 501 के तहत मामला दर्ज किया है। बता दें कि रविवार को मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों मेें दिग्विजय सिंह के कांग्रेस से इस्तीफा देने का एक पत्र वायरल होने के बाद हड़कंप की स्थिति बन गई थी। लेकिन बाद में खुद पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐसी खबरों को निराधार बताते हुए कहा कि वो 1971 से कांग्रेस में हैं और जीवन की अंतिम सांस तक इसी से जुड़े रहेंगे।