MP : पहली बार वोट देने वाले निर्णायक भूमिका में, जानें सबसे ज्यादा युवा वोटर वाली टॉप 10 विधानसभा सीटों का गणित…

भोपाल : प्रदेश में एक बार फिर युवा वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। पहली बार वोट देने वाले युवा निर्णय करेंगे कि सरकार किसकी बनेगी। मध्यप्रदेश में इस बार नंवबर में चुनाव होने हैं। ये युवा मतदाता इसलिए भी निर्णायक हैं क्योंकि, 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के वोट शेयर को देखा जाए तो भाजपा और कांग्रेस पार्टी के बीच केवल 0.13% वोट शेयर का फर्क था। इस बार 18-19 वर्ष की आयु के पहली बार के मतदाता कुल मतदाताओं का 2.68% हैं। कुल मिलाकर, राज्य में कुल 14.5 लाख वोटर हैं, जो पहली बार वोट देने वाले हैं। वोटों के मामले में 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सिर्फ 47,827 का अंतर था।

किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की बात करें, तो सबसे ज्यादा युवा वोटर शमशाबाद निर्वाचन क्षेत्र में हैं। कुल प्रतिशत 5.06% के साथ यह लिस्ट में सबसे ऊपर है। 1.16% युवा वोटर्स के साथ भोपाल मध्य निर्वाचन क्षेत्र में युवा मतदाताओं का प्रतिशत सबसे कम है।

पिछले विधानसभा चुनावों के एक दिलचस्प आंकड़ों के अनुसार, टॉप 10 विधानसभा क्षेत्रों में, जहां युवा मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है, उनमें शमशाबाद (5.06%), कसरावद (4.91%), बांधवगढ़ (4.55%), बासौदा (4.45%) और कुरवाई (4.42%) शामिल हैं। इसके अलावा अलीराजपुर (4.33%), मानपुर (4.25%), इछावर (4.15%), नरसिंहगढ़ (4.11%), पांढुर्ना (4.08%), आष्टा (4.06%) और सौसर (4.01%) भी शामिल है। इनमें से छह सीटों पर भाजपा और चार पर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की।

इन 10 निर्वाचन क्षेत्रों में से चार में जीत का अंतर पहली बार मतदान करने वालों की संख्या से बहुत कम था। अगर 2018 के विधानसभा चुनावों में जीत के अंतर को ध्यान में रखा जाए, तो कम से कम 19 निर्वाचन क्षेत्र ऐसे थे, जहां अंतर 2,000 वोटों से कम था, लेकिन ऐसा कोई निर्वाचन क्षेत्र नहीं है जहां पहली बार वोट देने वाले मतदाताओं की संख्या 2000 से कम हो। यहां तक कि भोपाल मध्य, जहां पहली बार मतदान करने वालों का प्रतिशत सबसे कम है, वहां पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 2,774 है।

2018 के चुनाव में कुल मिलाकर कांग्रेस ने 116 सीटें और बीजेपी ने 109 सीटें जीती थीं, अंतर सिर्फ 7 सीटों का था। इस विधानसभा चुनाव में भी पहली बार मतदान करने वाले मतदाता अहम भूमिका निभाएंगे और दोनों राजनीतिक दलों की किस्मत इन्हीं मतदाताओं पर निर्भर है। इसके मद्देनजर यह संभावना है कि इस विधानसभा चुनाव में युवाओं के लिए कई आकर्षक घोषणाएं देखने को मिलेंगी और युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी काफी इस्तेमाल होने वाला है।

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