भोपाल : मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है । गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो गए है, नदी नाले उफान पर आ गए है और सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है। आज शुक्रवार को मध्य प्रदेश के 7 जिलों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट और 30 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
फिलहाल 30 जुलाई का मौसम का मिजाज यूही रहने वाला है।अब तक सामान्य से 1 फीसदी ज्यादा यानी 386.08 मिमी बारिश हो चुकी है। पश्चिमी हिस्सों के जिलों में 3% फीसदी ज्यादा और पूर्वी हिस्सों के जिलों में 1% कम बारिश हुई है।
आज इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
- भोपाल,राजगढ़, सीहोर, रायसेन, बालाघाट में बिजली के साथ भारी बारिश ।
- गुना, शाजापुर, देवास, नर्मदापुरम/पचमढ़ी, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना विदिशा/उदयगिरि में बिजली के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है। , छतरपुर/खजुराहो, सिवनी,
- मंडला, डिंडोरी, शहडोल, उमरिया/बांधवगढ़, अनूपपुर/अमरकंटक के साथ-साथ आगर मालवा, उज्जैन, इंदौर, हरदा, बैतूल, सागर, दमोह, अशोकनगर में हल्की गरज के साथ बिजली चमकने की संभावना।
- श्योपुर-कलां, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया/रतनगढ़, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, रतलाम मंदसौर/गांधीसागर बांध, टीकमगढ़, पन्ना में बारिश बिजली के आसार।
- झाबुआ, अलीराजपुर, धार, मांडू, बड़वानी, बावनगजा, खरगोन, महेश्वर, खंडवा, ओंकारेश्वर, इंदौर, देवास, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, नरसिंगपुर, जबलपुर, भेड़ाघाट, रीवा, मऊगंज, शहडोल, सिवनी, बालाघाट, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, अमरकंटक, डिंडोरी, मंडला और कान्हा में रात्रि समय हल्की बारिश ।
पूरे हफ्ते के मौसम का हाल
एमपी मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में अगले दो दिनों तक मौसम विभाग ने ज्यादातर जिलों में भारी और अति भारी बारिश के आसार है। 27 और 28 जुलाई को ज्यादातर जिलों में भारी और अति भारी बारिश की संभावना है। 28 जुलाई से फिर एक नया स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव होने जा रहा है, जिसका प्रभाव 29 और 30 जुलाई को उत्तरी हिस्से में देखने को मिलेगा।29 और 30 जुलाई को प्रदेश के उत्तरी हिस्से में तेज बारिश की आशंका जताई गई है।
क्या कहता है मौसम विभाग का पूर्वानुमान
- पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान और उससे सटे बांग्लादेश के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण मौजूद है। मानसून द्रोणिका श्रीगंगानगर, हिसार, आगरा, डाल्टनगंज, जमशेदपुर, दीघा से होकर पूर्व-दक्षिणपूर्व की ओर बंगाल की उत्तरपूर्वी खाड़ी तक जा रही है। दक्षिणी मध्य प्रदेश पर विपरीत दिशा की हवाओं का सम्मिलन (शियर जोन) बना हुआ है। असम और आसपास के इलाकों में समुद्र तल से 1.5 से 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।
- इसके अलावा उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश और आसपास के इलाकों में समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण और दक्षिण गुजरात-उत्तरी केरल तटों के साथ समुद्र तल पर अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है।इन मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से लगातार नमी आ रही है। इन सभी मौसम प्रणालियों के असर से नमी आ रही है जिससे प्रदेशभर में रुक-रुककर मध्यम से भारी वर्षा का दौर जारी रहेगा।