भोपाल : राजधानी भोपाल में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और नगर निगम नेता प्रतिपक्ष सविस्ता जकी द्वारा प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई। इस दौरान उन्होंने नगर निगम का कारनामा बताते हुए कहा की स्मार्ट सिटी के नाम पर लगातार लोगों के घर तोड़े जा रहे है। इसके अलावा, 200 झुग्गियों को हटाने का मामला भी सामने आ चुका हुआ। वहीं, गरीबों के लिए जो मकान आवंटित किए थे, वह नगर निगम की अधिकारियों ने बेच दिए हैं और उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने पर विचार किया जा रहा है।
कलेक्टर से जांच की मांग
आगे प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि माली खेड़ी में मकान देने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक वहां पर कोई भी मकान नहीं बन हैं। बता दें कि सरकार का स्टे ऑर्डर 1976 से है कि बारिश के समय किसी भी झुग्गी-झोपड़ी वासियों को नहीं हटाया जाएगा। वहीं, मोहन सरकार ने भी पिछले साल 2023 जून में यह आदेश दिया था कि किसी भी झुग्गीवासियों को बरसात के वक्त नहीं हटाया जाए। इस दौरान पीसी शर्मा ने कहा कि मामले में कलेक्टर से मांग की गई है कि इन लोगों को अभी बरसात के वक्त में नहीं हटाया जाए। साथ ही कैंप लगा कर के लोगों के नाम दर्ज किए जाए। केवल इतना ही नहीं, जिन लोगों ने पैसे जमा किए हैं उन लोगों की रसीद देखकर उन्हें पक्के मकान दिए जाएं और जो लोग पैसे जमा नहीं कर पाए हैं, उनसे भी पैसे जमा कराए जाएं।
नेता प्रतिपक्ष सविस्ता जकी ने कही ये बात
वहीं, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष सविस्ता जकी ने मीडिया को बयान देते हुए नगर निगम के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। साथ ही यह सवाल किया कि जिन लोगों की रसीद कटी हैं, उन लोगों को अभी तक मकान क्यों नहीं दिए गए हैं। जिन झुग्गी-झोपड़ी वासियों को मल्टी में रहने के प्रमाण पत्र दिए, अभी तक उन्हीं लोगों को रहने के लिए मकान नहीं दिए गए हैं। पहले सरकार ने गरीब लोगों से वोट लिए और अब उनको ही झुग्गियों से निकाला जा रहा है। आगे उन्होंने अपने बयान में बताया कि 15 जून से 15 अक्टूबर तक किसी भी व्यक्ति की गुमटी नहीं उठाई जा सकती और ना किसी का मकान खाली कराया जा सकता है। साथ ही उन्होंने ने भी उन्होंने भोपाल कलेक्टर से जांच की मांग की है।