भोपाल : मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है।राज्य सरकार की नई भर्ती के शिक्षकों का प्रोबेशन पीरियड घटाने और सैलरी बढ़ाने की तैयारी है। इस संबंध में एक प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश शासन की राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा है।इस पर अब सीएम शिवराज सिंह चौहान अंतिम फैसला लेंगे। इससे स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग के शिक्षकों को बड़ा लाभ होगा।
राज्य की शिवराज सरकार पिछली कमलनाथ सरकार का एक और फैसला बदलने जा रही है। मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अनुसार, नवनियुक्त शिक्षकों को 3 साल का प्रोबेशन पीरियड और 70-80-90% सैलरी का फॉर्मूला कमलनाथ सरकार द्वारा लागू किया गया था, इस व्यवस्था से शिक्षकों और कर्मचारियों को नुकसान हुआ, ऐसे में अब इसे बदलने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति का कहना है कि जिस प्रकार से शिक्षक और कर्मचारी संगठन द्वारा मांग की गई थी शिक्षकों की परिवीक्षा अवधि 3 साल से घटाकर 2 साल और सैलरी का फॉर्मूला पहले साल 80% और दूसरे साल से 100% का प्रस्ताव बनाकर सीएम कार्यालय भेजा गया है।सीएम की अनुमति मिलने के बाद इसे कैबिनेट लाया जाएगा और मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
बता दे कि शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी होने के बाद तत्कालीन सरकार द्वारा मूल विज्ञापन में पूर्ण वेतन और 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि का उल्लेख किया गया था। हालांकि सत्ता परिवर्तन के बाद कमलनाथ सरकार द्वारा 2019 में राष्ट्रपति में संशोधन किया गया। वहीं परिवीक्षा अवधि 2 वर्ष की जगह 3 वर्ष और आरंभ से ही 100% वेतन की जगह पहले वर्ष मूल वेतन का 70 फीसद, दूसरे वर्ष 80 फीसद और तीसरे वर्ष 90% और चौथे वर्ष पूर्ण वेतन देने का प्रावधान कर दिया गया।इन 3 वर्षों की सेवा के दौरान वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ प्राप्त करने से उन्हें वंचित किया गया था, जिससे वे नाराज चल रहे थे।