भोपाल : आगामी चुनाव से पहले एक बार फिर मध्य प्रदेश में महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संयुक्त महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा ने अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की मांग रखी है। अतिथि विद्वानों का कहना है कि विगत 20-25 वर्षो से सेवा दे रहे है, लेकिन हमें नियमित नही किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी अपना वादा भूल गए है। चुनाव के पहले नियमितीकरण नही हुआ तो चुनाव का बहिष्कार का कदम तक उठाएंगे।
दरअसल, सरकारी महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध वर्षों से सेवा देने वाले महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों ने प्रदेश स्तरीय प्रेस वार्ता उज्जैन में की।अतिथि विद्वान अपनी जायज़ मांगों को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के गृह जिला उज्जैन में प्रदेश स्तरीय मीटिंग रख कर आगे की रूपरेखा तैयार की। बैठक में सीएम के वादे को याद दिलाते हुए विद्वानों ने कहा कि अतिथि विद्वानों के चर्चित आंदोलन 16 दिसंबर 2019 को उस समय के विपक्ष में रहते हुए सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जी खुद शिरकत करते हुए कहा था कि अतिथि विद्वानों को तत्काल कमलनाथ नियमित कर वादा पूरा करें नहीं तो टाइगर अभी जिंदा है, हमारी सरकार बनते ही भाजपा अतिथि विद्वानों को नियमित करेगी।
नियमितिकरण का वादा पूरा करें सरकार
इन्ही अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और सरकार चौथी बार भाजपा की बनी।लेकिन सरकार बनते ही अतिथि विद्वानों को नज़र अंदाज़ किया जा रहा है।इसी को लेकर लगातार अतिथि विद्वान आंदोलित हैं।और सरकार से बोल रहे हैं कि आप अपना वादा पूरा कर अतिथि विद्वानों को नियमित करें।
अतिथि विद्वानों के पास योग्यता-अनुभव दोनों फिर भी भविष्य सुरक्षित नहीं
अतिथि विद्वान संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता रखी एवं अपनी मांग को मिडिया के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की।मोर्चा की वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ नीता तोमर ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि अतिथि विद्वानों के पास लगभग 25 से 26 वर्षों का अच्छा खासा अनुभव एवं नेट/पीएचडी योग्यता है फिर भी भविष्य सुरक्षित नहीं। प्रवेश,परीक्षा,प्रबंधन,अध्यापन,मूल्यांकन,नैक,रुसा सहित समस्त कार्य अतिथि विद्वान पूरी तन्मयता के साथ करते हैं लेकिन जब लाभ देने की बात होती है तो अतिथि विद्वानों का हक छीना जाता है जबकि कई राज्यों में अतिथि विद्वानों को नियमित किया गया है।हमारा अनुरोध है सीएम शिवराज सिंह चौहान एवं हमारे विभागीय मंत्री मुखिया डॉ मोहन यादव जी से की अतिथि विद्वानों को नियमित कर भविष्य सुरक्षित करें साथ ही अपना वादा पूरा करें।
मानदेय सहित कई अन्य मुद्दे पर चर्चा हुई है,आप लोग सरकार के अंग है आपका भविष्य सुरक्षित हमारी सरकार करेगी।अतिथि विद्वानों को जल्द ही खुशखबरी सरकार के तरफ़ से दी जाएगी।
डॉ मोहन यादव,उच्च शिक्षा मंत्री,मध्य प्रदेश
कोई अतिथि 5 दिन 6 दिन रहता है यहां तो सरकार ने 26 सालों से अतिथि बनाकर रखी है।अतिथि विद्वानों को शोषणकारी अतिथि नाम से छुटकारा दिलवाते हुए नियमित कर भविष्य सुरक्षित करे सरकार।मुख्यमंत्री जी संवेदनशीलता दिखाते हुए अतिथि विद्वानों के हित में निर्णय लें जो उन्होंने वादा किया था अतिथि विद्वानों को नियमित कर वादा पूरा करें।