भोपाल : मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन की सहायक इंजीनियर हेमा मीणा पर लोकायुक्त की कार्रवाई जारी है। इस बीच हेमा मीणा के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। दो बार नौकरी से इस्तीफा के बाद भी उसे बार-बार नियुक्ति मिली। यही नहीं संविदा की नौकरी में हेमा मीणा को परमोशन भी मिला है। काली कमाई का राज अब खुल गया है। इसके बाद मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन ने हेमा मीणा पर कार्रवाई की है। हेमा मीणा पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन में संविदा की नौकरी कर रही थी। विभाग ने उसे नौकरी से निकाल दिया है। वहीं, हेमा मीणा में अपनी संपत्ति में रॉकेट की रफ्तार से हुए इजाफे का राज बताया है।
दरअसल, मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के एमडी कैलाश मकवाना है। हेमा मीणा का मामला सामने आते ही उन्होंने विभाग के एमडी उपेंद्र जैन को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद तत्काल प्रभाव से हेमा मीणा को नौकरी से निकाल दिया गया है। वहीं, लोकायुक्त की टीम अभी उसके ठिकानों की जांच कर रही है। साथ ही उससे पूछताछ भी कर रही है। जांच एजेंसी को उम्मीद है कि इसके ऊपर कुछ बड़े लोगों का हाथ हो सकता है। छापे के दौरान अधिकारी इसकी लाइफस्टाइल देखकर हैरान थे। 40 कमरों के बंगले में यह रहती थी।
कमाई का फॉर्म्युला बताया?
वहीं, सभी के मन में यह सवाल है कि 30 हजार की नौकरी करने वाली हेमा मीणा ने करोड़ों की संपत्ति कैसे बना ली है। 30 हजार के हिसाब से एक साल में उसे 3,60,000 हजार रुपए की सैलरी मिलती है। पूरे करियर में 40 से 42 लाख रुपए उसकी सैलरी रही होगी। खर्च काटकर वह कहीं निवेश भी करेगी तो इतनी कमाई नहीं होगी। उसने एजेंसियों को पूछताछ में बताया है कि यह संपत्ति उसके पिता और भाई ने दान में दी है। हालांकि जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि मीणा ने अपने पिता के नाम पर उसने कुछ संपत्तियां खरीदी हैं।
दो बार नौकरी से दे चुकी है इस्तीफा
हेमा मीणा ने बतौर सब-इंजीनियर पहली बार पुलिस कॉर्पोरेशन की नौकरी 2011 में ज्वाइन की थी। उसकी पहली ज्वाइनिंग भोपाल में हुई थी। पांच महीने बाद ही उसने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद फरवरी 2013 में हेमा मीणा की फिर से ज्वाइनिंग होती है। डेढ़ साल नौकरी करने के बाद 2015 में हेमा ने फिर इस्तीफा दे दिया। तीसरी बार नवंबर 2016 में हेमा मीणा को फिर से संविदा के आधार पर नियुक्ति मिल गई। इस बार हेमा की ज्वाइनिंग सागर संभाग में हुई। साथ ही वह सब इंजीनियर से असिस्टेंट इंजीनियर बन गई थी। संविदा के अनुसार पांच मई 2022 को उसका कार्यकाल खत्म हो रहा था। अक्टूबर 2013 तक का एक्सटेंशन मिल गया था।
हेमा पर किसका हाथ?
हेमा मीणा पर लोकायुक्त के छापे के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उसने इतनी काली कमाई कैसे की है। पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन में यह बहुत छोटा पद है। इसके बावजूद चंद सालों की नौकरी में उसने अकूत संपत्ति कमाई है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या उसके ऊपर किसी का हाथ था, जिसकी मेहरबानी से वह अकूत संपत्ति बना रही थी। लोकायुक्त इसकी जांच कर रही है।