भोपाल : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कहा है कि 10वीं और 12वीं की पेपरों का लीक होना प्रदेश में व्यापमं घोटाले की निरंतरता है। उसने कहा कि दसवीं कक्षा के पहले पेपर के लीक हो जाने के बाद दूसरे पेपर का भी लीक हो जाना और बारहवीं की परीक्षा की शुरुआत ही पेपर लीक होने से होना व्यापमं घोटाले की निरंतरता और शिक्षा के निजीकरण से पैदा हुए शिक्षा माफियाओं के सत्ता के गलियारों में रसूख का परिणाम है। इसी के साथ उन्होने मांग की कि इस मामले की जांच के लिए सर्वदलीय समिति का गठन किया जाए।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने कहा है कि व्यापमं घोटाले पर टिप्पणी करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा था कि इससे एक पूरी प्रतिभावान पीढ़ी का भविष्य बर्बाद हुआ है। अब पेपरों के लीक होने से सरकार और शिक्षा माफियाओं का गिरोह एक और भावी पीढ़ी के भविष्य को अंधकारमय बनाने में जुटा है। जसविंदर सिंह ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने पेपर के लीक होने की बात स्वीकार करने के बाद न तो पेपर रद्द करने की बात कही है और न ही अपराधियों के सरगनाओं तक पहुचने का आश्वासन दिया है।
माकपा नेता ने कहा है कि एक के बाद एक प्रश्न पत्रों का लीक होने का अर्थ ही ये है कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। वे जानते हैं कि पुलिस या प्रशासन लीपापोती कर छोटी मछलियों पर ही कार्रवाई करेगा, मगरमच्छों पर हाथ डालने की हिम्मत किसी की भी नहीं होगी और यही हो रहा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मांग की है कि भावी पीढ़ी के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकने के लिए विधानसभा में चर्चा होनी चाहिए और इस मामले की जांच करने और गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए सर्वदलीय जांच समिति का गठन किया जाना चाहिए।