MP : शिव तांडव स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे महाकाल, आज निकलेगी सावन की तीसरी सवारी, रात 12 बजे से उमड़ी भीड़…

उज्जैन : बाबा महाकाल की सावन भादो मास में निकलने वाली सवारी का आज तीसरा क्रम है। एक बार फिर बाबा चांदी की पालकी में सवार होकर अपने भक्तों का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सवारी मार्ग पर भक्तों पलक पावडे बिछा कर अपने आराध्य का स्वागत करते दिखाई देंगे। इस बार मनमहेश, चंद्रमौलेश्वर के अलावा भोलेनाथ शिव तांडव रूप में भक्तों को दर्शन देंगे।

सावन भादो मास में निकलने वाली सवारी के क्रम के साथ बाबा की स्वरूपों के मुखोटे का क्रम भी बढ़ता जाता है। सबसे पहले जहां मन महेश स्वरूप के दर्शन होते हैं तो उसके बाद बाबा चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में दिखाई देते हैं। सवारी के बढ़ते क्रम के साथ अलग-अलग मुखोटे निकलते हैं और भगवान के अलग-अलग रूप भक्तों को दिखाई पड़ते हैं।

शिव ताण्डव स्वरूप में निकलेंगे महाकाल

24 जुलाई को शाम 4 बजे निकलने वाली बाबा महाकाल की तीसरी सवारी में चांदी की पालकी में मन महेश स्वरूप, हाथी पर चंद्रमौलेश्वर और रथ पर गरुड़ पर सवार शिव तांडव स्वरूप के दर्शन कर भक्त खुद को धन्य महसूस करेंगे। महाकाल की प्रत्येक सवारी में नया स्वरूप भक्तों को दर्शन देने के लिए शामिल होता है। इस बार अधिक मास होने के चलते महाकालेश्वर की 10 सवारियां निकाली जाने वाली है।

महाकाल की तीसरी सवारी

महाकालेश्वर के सभा मंडप में विधि विधान से बाबा का पूजन अर्चन करने के बाद शाम 4 बजे ढोल नगाड़ा और बाजे की धुन के साथ शाही अंदाज में महाकाल की सवारी निकाली जाएगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बलों की टुकड़ी बाबा को सलामी देगी और उसके बाद सवारी का सिलसिला शुरू होगा।

मंदिर से प्रारंभ होकर सवारी महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी मां शिप्रा के तट पर स्थित रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा जल से बाबा का अभिषेक कर पूजा अर्चन किया जाएगा। इसके बाद परंपरागत मार्ग से होते हुए सवारी पुनः मंदिर पहुंचेगी।

रात 12 बजे से भक्तों की भीड़

उज्जैन से महाकाल मंदिर भगवान शिव के जयकारों से गूंजता हुआ दिखाई दे रहा है। तीसरी सवारी होने के चलते रात 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए लेकिन दर्शन करने के लिए रात 12बजे से ही श्रद्धालुओं का तांता उमड़ने लगा था। सुबह पंचामृत अभिषेक पूजन करने के बाद भगवान को भांग श्रृंगार कर राजस्व रूप दिया गया और बड़ी संख्या में लोगों ने चलित भस्म आरती का लाभ लिया। सावन की तीसरी सवारी में 2 लाख से ज्यादा भक्तों के आने का अनुमान है।

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