भोपाल : मध्यप्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ा दाव खेला है। 2018 की तरह इस बार भी कांग्रेस ने घोषणा की राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बिजली का बिल माफ किया जाएगा। कांग्रेस समिति के अध्यक्ष कमलनाथ ने गुरुवार को घोषणा करते हुए कहा कि राज्य की सत्ता में कांग्रेस की वापसी पर उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की महत्वाकांक्षी योजना से राज्य के सरकारी खजाने पर कर्ज का बोझ नहीं बढ़ेगा। कमलनाथ ने कहा कि इस योजना से सूबे पर कर्ज का बोझ नहीं बढ़ेगा “क्योंकि कांग्रेस के सत्ता में आने पर राज्य सरकार का वित्तीय प्रबंधन उम्दा रहेगा।”
उन्होंने दावा किया कि राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार ने 3.30 लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम कर्ज ले रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस कर्ज को चुकाने के लिए राज्य सरकार को और ऋण लेना पड़ेगा। लेकिन इस कर्ज का उपयोग क्या हुआ? क्या इस कर्ज से पेंशनरों, आशा कार्यकर्ताओं, संविदा कर्मियों आदि को लाभ हुआ?’’
बड़े ठेके के लिए लिया कर्ज
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने 3.30 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का इस्तेमाल बड़े-बडे़ ठेके देने में किया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आपको समझाने की जरूरत नहीं है कि ये ठेके किन लोगों को दिए गए।’’ गौरतलब है कि कमलनाथ ने ऐलान किया कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में यदि कांग्रेस प्रदेश में सत्ता में लौटेगी, तो उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी और 200 यूनिट तक बिजली खपत का बिल मौजूदा दर के मुकाबले आधा किया जाएगा।
2018 में भी किया था वादा
मध्यप्रदेश में 2018 में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो बिजली का बिल से लोगों को राहत मिलेगी। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कमलनाथ ने 100 यूनिट का 100 रुपए बिजली बिल किया था।
कमलनाथ का मास्टर स्ट्रोक
चुनाव से पहले कमलनाथ एक के बाद एक घोषणाएं कर रहे हैं। कमलनाथ ने 500 रुपए में सिलेंडर देने के साथ-साथ प्रदेश की हर पात्र महिला को 1500 रुपए हर महीने देने की घोषणा की है। बिजली के बिल को लेकर कमलनाथ ने मास्टर स्ट्रोक खेला है।