भोपाल : इंदौर शहर में पूर्वांचल के लोगों की सबसे बड़े संगठन पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्य प्रदेश द्वारा एक बार पुनः केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को इनडोर को उत्तर बिहार की सांस्कृतिक राजधानी तथा मिथिला की हृदयस्थली दरभंगा और जयनगर तक यथाशीघ्र एक सुपरफास्ट ट्रेन नियमित रूप से चलाने की मांग की गई है। यदि इस ट्रेन की पश्चिमी रेलवे एवं रेलवे मंत्रालय द्वारा यथाशीघ्र शुरू नहीं किया गया तो इंदौर एवं मालवा वव्म पश्चिमी निमाड़ में लाखों की संख्या में रहने वाले पूर्वांचल के लोग आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने पर बाध्य होंगे।
मालवा में पूर्वोत्तर के लाखों लोग निवासरत
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे एक पत्र में पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्य प्रदेश के महासचिव केके झा तथा अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान द्वारा विगत 2 दशकों में अनगिनत बार देश के अनेक रेल मंत्रियों को इंदौर से दरभंगा, जयनगर के बीच सीधी ट्रेन नियमित रूप से चलाने की मांग की जाती रही है लेकिन उनकी मांगों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। इसके बावजूद इंदौर, मालवा एवं पश्चिमी इमर में लाखों की संख्या में अप्रवासी पूर्वांचल के लोग निवास करते हैं। आगे लिखा कि वर्तमान में इंदौर से बिहार के लिए एक मात्र ट्रेन इंदौर-पटना एक्सप्रेस है, जिसमें यात्रियों की लंबी प्रतीक्षा सूची के कारण बहुत से लोगों को इस ट्रेन का लाभ नहीं मिलता।
लोकसभा चुनाव बहिष्कार करने की चेतावनी
महासचिव केके झा ने जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे मंत्रालय की अनदेखी से इंदौर एवं मालवांचल में रह रहे लाखों पूर्वांचलवासी आक्रोशित हैं। यदि इंदौर से दरभंगा या जयनगर तक यथाशीघ्र एक सुपरफास्ट ट्रेन नहीं शुरू की गई तो हम पूर्वांचल के लोग आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने के लिए बाध्य होंगे। बता दें कि इंदौर देवास सहित मालवा क्षेत्र में पूर्वोत्तर के लाखों परिवार निवास करते हैं।
कई क्षेत्रों को मिलेगा लाभ
संस्थान ने अप्रवासी पूर्वांचल के लोगों की मंशा एवं चिर प्रतीक्षित मांग को देखते हुए यथाशीघ्र इंदौर से दरभंगा/जयनगर के बीच भोपाल, जबलपुर, प्रयागराज, पाटलिपुत्र, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर तथा समस्तीपुर अथवा इंदौर से भोपाल, विदिशा, कानपुर, लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर, सीतामढ़ी होते हुए दरभंगा तक एक सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन नियमित रूप से चलाने की मांग की है। जिससे इंदौर, मालवा एवं पश्चिमी निमाड़ में निवास कर रहे लाखों की संख्या में अप्रवासी बिहार के लोगों को अपने पैतृक राज्य के विभिन्न जिलों में जाने में सुगमता हो।