MP : सवालों की राजनीति, सीएम शिवराज और कमलनाथ ने फिर दागे एक दूसरे पर प्रश्न…

भोपाल : ‘एक सवाल मैं करूं एक सवाल तुम करो..हर सवाल का सवाल ही जवाब हो’ दशकों पहले जब ये गीत रचा गया होगा तो किसी को अंदाज़ा भी नहीं होगा कि कभी किसी राजनीतिक परिदृश्य में ये इतना सटीक बैठेगा। मध्य प्रदेश की राजनीति में फिलहाल यही हो रहा है। इधर से एक सवाल उछाला जा रहा है और वहां से सवाल बाउंस बैक हो रहा है। शिवराज-कमलनाथ का एक दूसरे से सवालों का सिलसिला जारी है। अब ये बात अलग है कि जनता को किसी भी तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा।

सीएम शिवराज ने किया ये सवाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपना सवाल करते हुए पूछा है कि ‘कांग्रेस ने पिछली बार झूठ पत्र बनाया था और 900 से ज्यादा वादे किये थे लेकिन पूरे नहीं किये। इस बार फिर महाझूठ पत्र बना कर जनता को ठगने की तैयारी में हैं काँग्रेस औऱ कमलनाथ जी। कमलनाथ जी आज एक सवाल फिर मैं आपसे पूछ रहा हूँ, ये बताओ मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत आपने एनाउंस किया की हम 51 हजार रूपये की राशि एक बेटी के विवाह पर खर्च करेगे। शादी हुई, डोली भी उठी, बेटी ससुराल चली गई, साल भर बाद कई जगह भांजे-भांजियों का जन्म भी हो गया लेकिन कमलनाथ आपके 51 हजार रूपये उस समय 15 महीनों में नहीं पहुचे। क्या ये बेटियों के साथ छल नहीं हैं.. बेटियाँ इसका जवाब मांग रहीं हैं।’

कमलनाथ का पूछी ये बात

वहीं कमलनाथ ने उनसे पूछा है कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः।। शिवराज जी, आपने घोषणा की थी कि 12वीं कक्षा में 75% से ज्यादा अंक लाने पर कॉलेज जाने वाली छात्राओं को दो पहिया वाहन स्कूटी प्रदान किया जाएगा और इन वाहनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क की प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी। आपको याद दिला दूं कि आपने दो घोषणा पत्र जारी किए थे। एक समस्त मध्यप्रदेश के लिए और दूसरा विशेष रूप से महिलाओं के लिए। महिला वचन पत्र में आपने 50 वादे किए थे। उसी में स्कूटी देने का वादा भी शामिल था। शिवराज जी ऊपर जो श्लोक लिखा है उसकी पहली पंक्ति का अर्थ तो आपको पता ही है। दूसरी पंक्ति का अर्थ मैं आपको बता देता हूं कि जहां नारियों की पूजा नहीं की जाती है, वहां सभी कार्य निष्फल हो जाते हैं। आप कन्याओं से झूठ बोलकर महापाप के भागी बन रहे हैं।’ इस तरह बीजेपी कांग्रेस का क्विज गेम जारी है लेकिन ये सॉल्व कहीं से भी नहीं हो रहा है। लोग उम्मीद बांधे बैठे है कि शायद कभी किसी तरफ से किसी सवाल का जवाब आ जाए, मगल फिलहाल तो ऐसा होता नहीं दिख रहा।

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