भोपाल : मध्यप्रदेश में हवाओं का रुख बदल गया है। दरअसल गुरुवार को मध्यप्रदेश में तपिश बढ़ गई है।तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। सबसे अधिक तापमान खरगोन का रिकॉर्ड किया गया। वहीं शुक्रवार को तापमान में और अधिक वृद्धि देखी जा सकती है। वहीं कुछ स्थानों पर बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है।
मौसम प्रणाली
हालांकि 15 जून के बाद मानसून के दस्तक मध्यप्रदेश में देखी जाएगी। मध्य प्रदेश में मानसून की दस्तक होने के साथ ही खंडवा खरगोन बुरहानपुर के रास्ते यह भोपाल प्रवेश कर सकते है। 18 से 20 जून के बीच में मानसून प्रदेश में सक्रिय हो सकता है। वहीं 3 जून को एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। जिसके कारण गर्मी का असर नहीं रहेगा वही तापमान में भी गिरावट देखी जाएगी।
बारिश का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के मुताबिक जबलपुर और ग्वालियर में एक बार फिर से बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मध्यप्रदेश के साउथ वेस्ट और साउथ स्टेट से मानसून की एंट्री बताई जा रही है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान के हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है जबकि पंजाब के ऊपर एक प्रेरित चक्रवात का घेरा निर्मित हुआ है। दक्षिण पश्चिम राजस्थान पर भी एक चक्रवात निर्मित हुआ है।जिसके कारण मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में 1 सप्ताह तक रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी।
हवा का रुख दक्षिण पश्चिम से बदलकर पश्चिम-उत्तर पश्चिम
पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञान के मुताबिक वर्तमान में हवा का रुख दक्षिण पश्चिम से बदलकर पश्चिम उत्तर पश्चिम किया गया है। हवाओं के साथ नमी आने का सिलसिला थम गया है। वही तीखी धूप निकलने के कारण राजधानी और प्रदेश के अधिकतर जिले में तापमान में वृद्धि रिकॉर्ड की गई है।
7 संभाग में कहीं-कहीं बारिश की संभावना
शनिवार से पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने से मौसम का मिजाज बदलने का कल का हवा के साथ नमी आने के कारण 7 संभाग में कहीं-कहीं बारिश की संभावना जताई गई है। तापमान में गिरावट देखी जाएगी। 7 संभागों में बारिश की चेतावनी जारी की गई है। उसमें भोपाल नर्मदा पुरम सागर जबलपुर ग्वालियर चंबल संभाग शामिल है।
सामान्य तौर पर 1 जून को केरल में मानसून की दस्तक देखी जाती थी। हालांकि इस बार केरल में 5 जून के आसपास मानसून पहुंचने का पूर्वानुमान जताया गया है। 20 जून तक मानसून की मध्यप्रदेश में एंट्री बताई जा रही है। वही 5 महीने तक प्रदेश में मानसून का असर देखा जाता है।
उत्तरी हिस्से में 5 जून तक बारिश की संभावना
भोपाल में पिछले 3 साल में जून में सबसे कम गर्मी पड़ी है। 2013 से 2022 तक के आंकड़ों के अनुसार 1 से 5 जून 2013 को तापमान 42 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था जबकि इस बार जून में तापमान बेहद कम रिकॉर्ड किया गया है। इस दौरान 38 डिग्री तक तापमान रिकॉर्ड किया गया था। वही जून के पहले सप्ताह में भी मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश की गतिविधि जारी रहने वाली है जबकि नौतपा में भी इस वर्ष बारिश देखने को मिली है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अभी भी बारिश और आंधी के हालात निर्मित हुए है।1 जून से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। 3 जून को मध्यप्रदेश में इसका असर देखा जाएगा। मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से में 5 जून तक बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं भोपाल समेत इंदौर और कई बड़े शहरों में मौसम में परिवर्तन हो सकते हैं। कुछ क्षेत्रों में बूंदाबांदी के बीच चेतावनी जारी की गई है।