शहडोल : पिता की मृत्यु के बाद शासन के नियमानुसार अनुकम्पा नियुक्ति पाने के लिए एक बेटा पिछले 7 साल से भटक रहा है, अधिकारियों के दफ्तर में चक्कर लगा रहा है, जब उसकी सुनवाई कहीं नहीं हुई तो उसने एक उम्मीद के साथ संभाग आयुक्त को इसकी शिकायत की , जिसके बाद कमिश्नर ने लापरवाह जिला शिक्षा अधिकारी की निलंबित कर दिया, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी संभाग आयुक्त की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक शहडोल जिले की जनपद पंचायत ब्यौहारी के शासकीय माध्यमिक विद्यालय देवराव में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 रामराज द्विवेदी की 7 साल पहले हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी, पिता की मृत्यु के बाद रामराज द्विवेदी के पुत्र अवनीश कुमार द्विवेदी ने नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन दिया।
शहडोल कमिश्नर का डीईओ पर एक्शन
आवेदन देने के बाद भी वे पिछले 7 साल से अनुकंपा नियुक्ति के लिए अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली, इससे आहत होकर उन्होंने मामले की शिकायत शहडोल कमिश्नर से की, शहडोल कमिश्नर श्रीमन शुक्ल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी फूलसिंह मारपाची को लापरवाही का दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
निलंबन की कार्रवाई पर DEO ने उठाये सवाल
उधर निलंबन की कार्रवाई पर जिला शिक्षा अधिकारी फूलसिंह मारपाची ने सवाल उठाये हैं, डीईओ ने कमिश्नर के करवाई की गलत और एकतरफा बताया है। उन्होंने कहा कि ये मामला 2017 का है जबकि उनकी पदस्थापना यहाँ 2022 में हुई, मैंने इस मामले में पिछले वर्षों ने वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन भी लिया लेकिन कमिश्नर साहब ने मेरा पक्ष ही नहीं सुना और मुझे निलंबित कर दिया।