MP : स्वामी अवधेशानंद ने की सीएम डॉ मोहन यादव की प्रशंसा, मुख्यमंत्री ने जताया आभार…

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कल सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में साधु संतों, महा मंडलेश्वर, अखाड़ा प्रमुखों के लिए स्थाई आश्रम बनाने की बात कही थी, इसका संत समाज ने स्वागत किया है, स्वामी अवधेशानंद जी ने भी सीएम डॉ यादव के फैसले का स्वागत किया है और उनकी प्रशंसा की है।

स्वामी अवधेशानंद में अपने सोशल मीडिया एकाउंट X पर लिखा- सनातन धर्म संस्कृति में चिरकाल से अंतर्निहित “सर्वं खल्विदं ब्रह्म नेह नानास्ति किंचन” व “आत्मवत सर्व भूतेषु” जैसे दिव्य भावों के संपोषक, लोक कल्याणकारी योजनाओं तथा पारमार्थिक प्रवृत्तियों के प्रसारक संत सत्पुरुष ही हैं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का यह आह्वान कि उज्जैन में हरिद्वार की भाँति साधु संतों, महंत, अखाड़ा प्रमुखों, महामंडलेश्वर इत्यादि को स्थाई आश्रम बनाने की अनुमति दी जाएगी अत्यंत प्रशंसनीय है।उज्जैन तीर्थ विकास एवं संतों के प्रति उनकी इस संवेदनशीलता के प्रति साधुवाद।

स्वामी अवधेशानंद की प्रशंसा को सीएम मोहन यादव ने माना आशीर्वचन  

स्वामी अवधेशानंद की प्रशंसा के बाद मुख्यमंत्री डॉ यादव ने उन्हें धन्यवाद देते हुए लिखा- आपके आशीर्वचनों के लिए आभार, संत एवं ऋषि परंपरा ही सनातन की शक्ति है, पूज्य  संतों की चरण रज से इस भूमि का कण कण पवित्र होगा।उधर अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, अध्यक्ष मां मनसा देवी ट्रस्ट हरिद्वार और सचिव श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़ा श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने भी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्णय को विकासोन्मुखी बताया है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी मुख्यमंत्री के फैसले की तारीफ की 

श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने बताया है कि सरकार के निर्णय से सभी साधु-संतों में हर्ष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा सिंहस्थ मेला क्षेत्र में सभी अखाड़ों एवं उनके महामंडलेश्वरों और साधु-संतों को स्थाई निर्माण के लिये निर्णय लेकर बनाई गई योजना स्वागत योग्य है। षड़दर्शन साधु समाज के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वरदास महाराज और शैव मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत रामेश्वरगिरी महाराज सहित उज्जैन के सभी प्रमुख साधु संतों ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय का स्वागत किया है।

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्णय से साधु-संतों को मेला क्षेत्र में अपने आश्रम बनाने में आसानी होगी। साधु-संतों को स्थायी आश्रम निर्माण की अनुमति मिलने से आने वाले भक्तों को भी सामान्य सुविधाएं सहज उपलब्ध रहेगी। इससे निश्चित ही धार्मिक पर्यटन का भी विस्तार होगा।

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