भोपाल : मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी, बुन्देलखण्ड की अयोध्या कहे जाने वाले ओरछा में विराजे श्रीराम राजा सरकार के दर्शनों के समय में आज से बदलाव हो गया है, आज से मंदिर के कपाट खुलने का समय, आरती, भोग और मंदिर के पट बंद होने का समय सबकुछ बदल गया है, भगवान की दिनचर्या में भी बदलाव हुआ है, बता दें ये सिलसिला सदियों से चला आ रहा है गर्मियों और सर्दियों के हिसाब से ये बदलाव किया जाता है।
प्राचीन परंपरा के अनुसार हर साल शरद पूर्णिमा के अगले दिन से मंदिर के समय में परिवर्तन किया जाता है, इस साल भी आज से यानि की 18 अक्टूबर से समय में बदलाव हुआ है अब मंदिर का कपाट सुबह 9 और शाम को 7 बजे खुलेंगे जिसमें दर्शनार्थी राम राजा सरकार के दर्शन कर सकेंगे।
आज से राम राजा सरकार मंदिर के पट सुबह 9 बजे खुलना शुरू
नए बदलाव के साथ ही अब आज से राम राजा सरकार मंदिर ओरछा के पट सुबह 9 बजे खुलेंगे और दोपहर 1 बजे राजभोग के बाद बंद होंगे, शाम को 7 बजे आरती के साथ कपाट खुलेंगे और रात 9:30 बजे ब्यारी के बाद भगवान शयन के लिए जाएंगे।
मंदिर खुलने का समय मौसम के हिसाब से साल में दो बार बदलता है
बता दें कि यह परिवर्तन साल में दो बार मौसम के हिसाब से किया जाता है, यह परंपरा सदियों से चली आ रही है परंपरा के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा से मंदिर सुबह 8 बजे खुलता है, 12:30 बजे राजभोग के बाद मंदिर बंद होता है, शाम को 8 बजे आरती के साथ ही मंदिर के पट खुलते हैं और रात्रि 10:30 पर शयन आरती के साथ पट बंद होते हैं।
श्रीराम को राजा के रूप में दिन में चार बार दी जाती है सलामी
विशेष बात ये है कि ओरछा का राम राजा सरकार मंदिर देश का इकलौता मंदिर है जहां भगवान राम की राजा के रूप में पूजा की जाती है, दरबार खुलने की परम्परा का राजसी तरीके से ही निर्वहन किया जाता है, राजा के रूप में उन्हें दिन के चार पहर सलामी भी दी जाती है, यह परम्परा यहां अंग्रेजी शासन काल के पूर्व से चली आ रही है, वर्तमान में यहां एमपी पुलिस सलामी देती है, ओरछा में भगवान राम के अलावा किसी भी वीआईपी को सलामी नहीं दी जाती है।
रात को शयन के लिए अयोध्या जाते हैं श्रीराम
मान्यता है कि भगवान श्रीराम के दो निवास हैं, भगवान दिनभर ओरछा में रहने के बाद शयन के लिए अयोध्या चले जाते हैं, नियमित रात में ब्यारी (संध्या) की आरती होने के बाद ज्योति निकलती है जिसे कीर्तन मंडली के साथ पास ही पाताली हनुमान मंदिर ले जाया जाता है, मान्यता ये भी है कि ज्योति के रूप में भगवान श्रीराम को हनुमान मंदिर जाते हैं जहां से हनुमान जी शयन के लिए भगवान श्रीराम को अयोध्या ले जाते हैं और फिर सुबह वापस लेकर आते हैं।