MP : 24 घंटे में फिर बदलेगा मौसम, पश्चिमी विक्षोभ होगा एक्टिव, कोल्ड वेव का असर, जानिए जिलों का हाल…

भोपाल :  मध्य प्रदेश के मौसम में बदलाव का दौर जारी है। अगले 24 घंटे में फिर नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है, जिससे मौसम में परिवर्तन होगा और तापमान में इजाफा होगा। नए पश्चिमी विक्षोभ से इंदौर में अगले 3 से 4 दिन रात के पारे में गिरावट होगी, वहीं दिन का तापमान सामान्य के आसपास रहेगा। मौसम अब पूरी तरह से शुष्क हो गया है, फिलहाल अगले 24 घंटे वातावरण में ठंडक महसूस होगी, इसके बाद ठंड में कमी आएगी और तापमान बढ़ने के आसार हैं। 

24 घंटे में सक्रिय होगा नया पश्चिमी विक्षोभ

एमपी मौसम विभाग के अनुसार कश्मीर में नया पश्चिमी विक्षोभ 5 फरवरी को आ रहा है, इसके प्रभाव से हवाओं का रुख बदलेगा और रात के तापमान में वृद्धि होने लगेगी। इसके सक्रिय होने से अगले हफ्ते तक ठंड की वापसी की संभावना नहीं है।रविवार से रात के तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी।  वही आज-कल में कही कहीं शीतलहर का असर देखने को मिल सकता है।

एमपी मौसम विभाग ने कुछ इलाकों के लिए अब भी शीतलहर और कोल्ड डे की आशंका जताई है। कोल्ड वेव भोपाल, उमरिया, जबलपुर समेत सात जिलों में कोल्ड वेव चलने और उज्जैन-रतलाम सबसे ज्यादा ठंडे होने की संभावना एवं जबलपुर, बालाघाट, सागर, भोपाल, राजगढ़ और रतलाम जिलों में शीतलहर चलेगी। अगले कुछ दिन में 3 से 5 डिग्री तक की गिरावट की आशंका जताई है।

क्या कहता है मौसम विभाग 

एमपी मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ एक ट्रफ के रूप में समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊंचाई पर धुरी बनाते हुए सक्रिय है।वही प्रेरित चक्रवातीय परिसंचरण ( Cyclonic Circulation) दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई तक सक्रिय है। वही 5 फरवरी को नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है, जिससे मौसम में फिर बदलाव होगा। इंदौर में अगले तीन से चार दिन रात के तापमान में गिरावट होगी, वहीं दिन का तापमान सामान्य के आसपास रहेगा।

पिछले 24 घंटे का हाल

  • पिछले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के सभी संभागों के जिलों का मौसम मुख्यत: शुष्क रहा।
  • शुक्रवार को न्यूनतम तापमान में सभी संभागों के जिलों में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ।
  • न्यूनतम तापमान शहडोल और जबलपुर संभाग के जिलों में सामान्य से काफी कम रहे।
  • भोपाल, उज्जैन, रीवा, नर्मदापुरम और सागर संभाग के जिलों में सामान्य से कम एवं ग्वालियर और इंदौर संभाग के जिलों में सामान्य रहे।

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