भोपाल : एक तरफ मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है और दूसरी तरफ अपने बयानों से हमेशा सुर्खियां में रहने वाले पूर्व मंत्री और कांग्रेस के विधायक उमंग सिंघार के बयान ने सिसायी गलियारों में हलचल मचा दी । पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने एमपी में आदिवासी सीएम की मांग की है। सिंघार के बयान के बाद जहां कांग्रेस में खलबली मच गई है, वही बीजेपी हमला करने से नहीं चूक रही है।खास बात तो ये है कि सिंघार का बयान ऐसे समय पर आया है जब सोमवार को पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ झाबुआ दौरे पर थे।
सिंघार बोले- MP में आदिवासी मुख्यमंत्री बनना चाहिए
दरअसल.,कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने आदिवासी CM की मांग उठाई हैं। उन्होंने कहा कि MP में आदिवासी CM बनना चाहिए। उमंग सिंघार रविवार को धार के बदनावर पहुंचे थे। यहां उन्होंने टंट्या मामा की प्रतिमा का अनावरण कर सभा को संबोधित किया। सिंघार ने कहा कि ‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि जब तक MP का मुख्यमंत्री आदिवासी नहीं बनेगा, तब तक चैन से मत बैठना। अगर चाहते हो कि CM आदिवासी बने… मैं खुद की बात नहीं कर रहा, लेकिन अपने समाज की बात कर रहा हूं।
मैं नेताओं का प्रिय नहीं हूं
सिंघार ने कहा कि मैं नेताओं का प्रिय नहीं हूं। मैं आदिवासियों का प्रिय हूं। मैं आपकी बात करता हूं, आपके अधिकार की बात करता हूं। कई नेताओं को मिर्ची लगती है लेकिन डरने वाला आदमी नहीं हूं। कांग्रेस हो या बीजेपी, आप लोग आदिवासी मुख्यमंत्री की बात करो। आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग करो। मैं अपनी बात नहीं करता हूं, मुझे कुछ नहीं चाहिए। मेरे पास सब कुछ है, लेकिन मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आदिवासी को बैठना चाहिए। कांतिलाल भूरिया से भी मैंने कहा कि आपको कैंपेनिंग कमेटी का अध्यक्ष बना दिया। अगर आपको बनाना है, तो मुख्यमंत्री बनाओ।
बीजेपी बोली- ये सिंघार के मन की पीड़ा
सिंघार की इस मांग से प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज गई है, चर्चाओं का बाजार गर्म है।वही बीजेपी ने भी इस मुद्दे को लपकते हुए इसे उमंग सिंघार के मन की पीड़ा बताया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि यह उमंग सिंघार के मन की पीड़ा है। BJP और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आजादी के 75 साल में राष्ट्रपति के पद पर अनुसूचित जनजाति वर्ग की बहन को बैठाने का काम किया है।हमारी बहन द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया। देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर इसलिए उनके मन की पीड़ा है। कांग्रेस आदिवासियों को वोट बैंक मानती है। ये उनके मन की पीड़ा का उद्गार है। उमंग सिंघार समय-समय पर दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को आइना दिखाते रहते हैं।
नरोत्तम बोले- जवाब दें कमलनाथ
वही पूर्व मंत्री उमंग सिंघार का गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी समर्थन करते हुए कहा कि उमंग सिंघार समय-समय पर बेबाकी के साथ सही बात जनता के बीच रखते आए हैं।कांग्रेस के सीनियर विधायक उमंग सिंघार जी के आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग पर कमलनाथ जी को जवाब देना चाहिए। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहते हुए उमंग सिंघार जी ने ही चचाजान दिग्विजय सिंह जी को सबसे बड़ा भ्रष्ट और सबसे बड़ा माफिया बताया था। बता दे कि मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 47 सीटें आदिवासी बहुल्य हैं। इन सीटों पर आदिवासी समुदाय हार जीत का फैसला करता है।