भोपाल : मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर उमा भारती के बागी तेवर लगातार नजर आ रहे हैं। एक बार फिर उन्होने इस मुद्दे पर ट्वीट किया है। इस बार उन्होने उन खबरों का जवाब दिया है, जिसमें ये कहा जा रहा है कि उनके कारण नई शराब नीति अटक गई है। उन्होने कहा कि 31 जनवरी को नई शराब नीति घोषित नहीं होने के पीछे वो कारण नहीं है और उन्होने अपने परामर्श पहले ही भेज दिए हैं।

उमा भारती ने दी सफाई
उमा भारती ने एक के बाद एक चार ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘आज सुबह कुछ समाचार पत्रों में मैंने पढ़ा की मध्यप्रदेश की शराबनीति जो की 31 जनवरी को घोषित होनी थी वह अभी तक मेरी वजह से अटक गई है। यह तो सच है की 31 जनवरी को शराबनीति घोषित नहीं हुई किंतु तथ्य यह है की 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में नवरात्रि के अष्टमी को बाबा रामदेव जी, चिन्मय पण्ड्या जी (गायत्री परिवार), कमलेश दाजी (समाजसेवी), सभी धर्मों के प्रतिनिधि संत तथा मैं भी वहाँ थी। भरी सभा में, लाइव टेलीकास्ट में शिवराज जी ने यह घोषणा की थी की आप सबसे परामर्श करके ही नई शराबनीति घोषित होगी। मैंने तो अपने परामर्श 31 जनवरी से पहले ही भेज दिए। अब शायद बाक़ियों से परामर्श चल रहा होगा।’
जारी हैं बगावती तेवर
बता दें कि शराब विरोध को लेकर उमा भारती लगातार चर्चाओं में हैं। पहले उन्होने भोपाल के एक मंदिर में डेरा डाला, फिर ओरछा में शराबबंदी के लिए मधुशाला को गौशाला में बदलने के अपने ऐलान के तहत शराब की दुकान में गाय बांध दी थी। इसी कड़ी में उन्होने ओरछा में शराब दुकानों के लिए स्थानीय सांसद और विधायक को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन अगले ही दिन अपने उस बयान पर सफाई भी दी। वहीं प्रदेश सरकार के खिलाफ होने की अटकलों को लेकर भी उन्होने कहा था कि कोई भी ये न समझें कि वो बीजेपी, प्रदेश सरकार या फिर शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ है। हालांकि समय समय पर वो जिस तरह के बयान देती रही हैं और जिस तरह से मुखर हो कर शराबबंदी, अवैध उत्खनन या अन्य विषयों पर अपनी बात कहती हैं..कई बार वो पार्टीलाइन के विपरीत नजर आती है। अब एक बार फिर उन्होने कहा है कि शराब नीति में देरी की वजह वो नहीं हैं और उन्होने अपने परामर्श पहले ही सीएम शिवराज को भेज दिए हैं।